Shatranj kya hai – इस संसार में बहुत सारे खेल खेले जाते है, जो कि हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में सहायता करते है| ज्यादातर खेलों में हमें शाररिक बल लगाने की जरुरत होती है| लेकिन एक खेल ऐसा भी है जो कि शाररिक बल से नहीं बल्कि दिमाग से खेला जाता है| उस खेल का नाम शतरंज है|
शतरंज एक ऐसा खेल है जिसमे दिमाग के साथ-साथ धैर्य की भी जरूरत होती है| अगर इस खेल को हडबडी के साथ खेला जाये तो आप इसे कभी भी जीत नहीं सकते है| ये एक ऐसा खेल है जो आपके सोचने की शक्ति तथा तार्किक शक्ति को विकसित करता है| इस खेल को खेलने के लिए केवल 2 लोगों की जरूरत होती है|
शतरंज का इतिहास (Chess History in Hindi) –
क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इस खेल की शुरुआत कैसे हुई होगी ,पहली बार इस खेल को किसने ,और किस प्रकार से खेला होगा| (shatranj ka avishkar kisne kiya) इन सभी सवालों के जवाब पाने की इच्छा आपके मन में कभी न कभी जरुर उत्पन्न हुई होगी| तो आज हम आपको इन सब सवालों के जवाब देने जा रहे है|
अगर इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाये तो शतरंज का खेल राजा-महाराजा खेलते थे| इस बात से यह तो स्पष्ट हो ही जाता है कि इस खेल को जन्म देने वाला हमारा भारत देश ही है| यह खेल लगभग 1500 साल पुराना है| इस खेल का पहले नाम चतुरंग हुआ करता था लेकिन बाद में इसे बदलकर शतरंज रख दिया गया| यह खेल पांचवी-छठवी शताब्दी में शुरू किया गया और पंद्रवी-सोलहवी शताब्दी में पुरे विश्व में प्रसिद्ध हो गया| यह खेल विदेशों में भी बहुत लोकप्रिय हुआ| यह खेल भारत के बाद ,अरब ,यूरोप और चीन में खेला गया ,इसके बाद यह सभी जगह खेला जाने लगा|
Shatranj के खेल की विशेषताएं –
- शतरंज काले व सफेद वर्गों से मिलकर बना एक बोर्ड होता है|
- इसमें कुल 64 वर्ग (खाने) होते है|
- इसमें 32 वर्ग(खाने) काले व 32 वर्ग(खाने) सफेद होते है|
- प्रत्येक खिलाडी के पास काले और सफेद रंग के एक राजा ,एक वजीर ,दो ऊँट ,दो घोड़े ,दो हाथी ,आठ सैनिक (प्यादा) होते है|
- शतरंज खेलना जब शुरू करते है तो बोर्ड को कैसे सेट करते है इस पर ध्यान देना चाहिए ,प्रत्येक खिलाड़ी के दाहिने और नीचे वाला खाना सफेद रंग का होना चाहिए|
- बोर्ड के दोनों तरफ मोहरे सजाए जाते है|
- पहली पंक्ति में बीच में राजा व वजीर ,उसके बाद ऊँट ,उसके बाद घोड़ा और अंत में हाथी होते है| दूसरी पंक्ति में प्यादे रखे जाते है|
- शतरंज में एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि काला वजीर काले खाने में तथा सफेद वजीर सफेद खाने में होना चाहिए|
- शतरंज का खेल केवल 2 खिलाडियों के बीच ही खेला जाता है और ये खिलाड़ी भी काला व सफेद कहलाते है|
- शतरंज के खेल की शुरुआत हमेशा सफेद खिलाड़ी ही करता है|
- आमतौर पर यह खेल 10 से 60 मिनिट का होता है लेकिन टूर्नामेंट खेल 10 मिनिट से 6 घंटे का या इससे भी अधिक का हो सकता है|
- भारत देश में इस खेल का नियंत्रण अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के द्वारा किया जाता है जिसकी स्थापना 1951 में की गई थी|
- पुरे विश्व में इस खेल का नियंत्रण फेडरेशन इंटरनेशनल दि एचेस या फिडे द्वारा किया जाता है|
- शतरंज के टूर्नामेंट खेल को जीतने वाले खिलाडी को ग्रैंडमास्टर की उपाधि दी जाती है|
विश्व के प्रसिद्ध शतरंज खिलाडियों के नाम (Chess Players) –
- मैनुएल एरोन (1961 में एशियाई स्पर्धा जीती और इस खेल के पहले अर्जुन पुरस्कार विजेता)
- बी. रविकुमार (1979 में एशियाई जूनियर स्पर्धा जीती)
- दिव्येदु बरुआ (1982 में लायड्स बैंक शतरंज स्पर्धाजीती)
- विश्वनाथन आनन्द (1987 में विश्व जूनियर स्पर्धा जीतने वाले पहले भारतीय)
- आरती रमास्वामी
- पी. हरिकृष्ण
- कोनेरू हम्पी
- गैरी कास्पारोव
भारत में निर्मित या भारत ने दुनियां को क्या दिया जानने के लिए अन्य जानकारी देखे Made in India के द्वारा।
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