एक भाई साहब को ट्रेन में बिना टिकट चढ़ने की आदत थी। क्युकी सरकारी सम्पति होती ही फ्री इस्तेमाल के लिए ये उनका मानना था। बिना काम किये सरकार उनको फ्री राशन, फ्री बस, फ्री इंटरनेट, फ्री लाइट, फ्री पानी, फ्री बैंक में पैसे आ जाये आदि आदि उनका मानना था। कुछ चीज़े नहीं मिलने से हमेशा चिढ़े चिढ़े से रहते थे। हालाँकि ऊपर वाले को मानते नहीं थे लेकिन फिर भी चार लोगो को इकठ्ठा देख ऊपर वाले को जरूर कोषते थे।

ये महाशय रेल में कभी पकड़े नही गये थे इसलिये अब टिकेट लेना याद भी नहीं रहता था।

अब स्थिति यह हो गयी थी कि वो ट्रैन की किसी की भी सीट पर जाकर जबर्दस्ती बैठ भी जाते थे। टोकने पर रेलयात्रियों के साथ हाथापाई पर उतर जाते थे।

ऐसे ही दिन व् दिन भाई का मन बढते गया। एक दिन ट्रैन की एयर कंडीशन बोगी में चढ़ गये बिना टिकट और जाकर एक सज्जन की सीट पर बैठ गये। जब उन सज्जन ने मना किया तो अपनी आदतन शुरु हो गये। पहले भला बुरा कहा, फिर धमकी देने लगे। उससे भी काम नही चला तो हाथापाई पर उतारु हो गये। तंग आकर उस सज्जन ने फोन कर रेलवे पुलिस को बुला दिया।

 

श्रीमानजी पुलिस के सामने भी अपनी हेकड़ी बघार रहे थे और सरकार को गाली देने लगे सब भ्रष्ट है, सब बिके हुए है, सब कुछ बेंच दिया, सब घाटे में है इतने में टीटी भी आ गये। उन्होने आते के साथ सबसे पहले उनसे टिकट मांगा।

अब ट्रैन का टिकट तो उनके पास था नही तो आँय बांय शांय बकने लगे। टीटी ने जुर्माने की बात की, पुलिस ने अरेस्ट करने की बात की, तो कहने लगे कि जब मै स्टेशन में घुसा तब आपलोग कहाँ थे? जब मै ट्रेन में चढ़ा तब आपने क्यों नही रोका? जब यहाँ आकर बैठा तब तो आपलोगों ने मना नही किया। अब ये आदमी (जिसकी सीट थी ) हमसे झगड़ा करने लगा तो आपलोग टिकट के बहाने इसकी तरफदारी में लग गये? अब मेरे पास पैसा नही है और जाना इसी ट्रेन में है तो क्या आप हमको ट्रेन में से फेंक देंगे ? कमाल का देश है कमाल की सरकार है।

यह कहाँ का न्याय है ये। हम इतने वर्षों से बिना टिकट चल रहे थे तब आपको क्यों नही दिखा? अब आप खाली इस आदमी का पक्ष लेने के लिये फ़ाइन लगाने लगे? वाह।

अब उसकी हिम्मत देख दो चार बिना टिकट यात्री और आ गये उसके पक्ष में और पुरा हंगामा शुरु कर दिये। ये क्या तरीका है? आपलोग तानाशाही कर रहे हैं! ये आदमी झगड़ा नही करता तो आप आते क्या? आप खाली इस आदमी के सपोर्ट में ये सब कर रहे हैं। घोर अन्याय है ये। गरीबों को तो कोई देखने वाला नही है! रेल गरीबों की दुश्मन है!

अब टीटी और रेलवे पुलिस की समझ में नही आ रहा था कि बिना टिकट यात्री को फ़ाइन और अरेस्ट करने की बात करके उन्होने गलत किया या सही?

इस लेख का आजकल के माहौल व घटना से संबंध है, आप इसे जिस घटना से जोड़ना चाहते है जोड़कर बताये कमेंट के माध्यम से।

पोस्ट किया – www.Naitikshiksha.com

नोट – यह लेख व्हाट्सप्प यूनिवर्सिटी से लिया गया है। लेखक अज्ञात है।

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