भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO ) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सिंगापुर के दो सैटेलाइट TeLEOS-2 और Lumilite-4 को PSLV-C55 के साथ लॉन्च किया है। TeLEOS-2 और Lumilite-4 सिंगापुर के सैटेलाइट्स हैं, जिन्हें सिंगापुर और भारत के सहयोग से विकसित किया गया है। ये उपग्रह विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बनाए गए हैं, जैसे पृथ्वी की निगरानी, समुद्री सुरक्षा, और नेविगेशन
TeLEOS-2 –
- TeLEOS-2 उपग्रह सिंगापुर सरकार और ST इंजीनियरिंग का प्रतिनिधित्व करने वाली रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी एजेंसी (DSTA) के बीच साझेदारी के तहत निर्माण किया गया एक सिंथेटिक एपर्चर रडार सैटेलाइट है।
- TeLEOS-2 में सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) पेलोड है।
- इसका उपयोग पूरे मौसम में दिन और रात कवरेज प्रदान करने के लिए किया जाएगा
- यह सिंगापुर के लिए एक मीटर पूर्ण पोलरिमेट्रिक रिज़ॉल्यूशन पर इमेजिंग करने में सक्षम है।
निर्माता –
इसे सिंगापुर की कंपनी ST Engineering और सिंगापुर स्पेस टेक्नोलॉजी ने बनाया है।
प्रकार –
यह एक रडार इमेजिंग सैटेलाइट है।
उद्देश्य –
- दिन और रात, सभी मौसमों में उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग प्रदान करना।
- प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी, आपातकालीन प्रतिक्रिया, शहरी योजना और पर्यावरण अध्ययन।
तकनीकी विशेषताएं –
- यह Synthetic Aperture Radar (SAR) का उपयोग करता है, जो खराब मौसम और अंधेरे में भी स्पष्ट तस्वीरें ले सकता है।
- यह 1 मीटर तक की ग्राउंड रिज़ॉल्यूशन प्रदान कर सकता है।
Lumilite-4 –
- TeLEOS-2 सैटेलाइट के साथ ल्यूमलाइट-4 सैटेलाइट को भी लॉन्च किया गया है। यह सैटेलाइट सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के इन्फोकॉम रिसर्च एंड सैटेलाइट टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में बनाई गई थी।
- ISRO ने कहा कि सैटेलाइट का उद्देश्य सिंगापुर की ई-नेविगेशन समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना और वैश्विक शिपिंग समुदाय को लाभ पहुंचाना है।
निर्माता –
इसे सिंगापुर की Nanyang Technological University (NTU) और A*STAR के सहयोग से विकसित किया गया है।
प्रकार –
यह एक उन्नत नैनोसेटेलाइट है।
उद्देश्य –
- समुद्री नेविगेशन और जहाज ट्रैकिंग में मदद करना।
- सिंगापुर के समुद्री उद्योग के लिए रीयल-टाइम डेटा प्रदान करना।
तकनीकी विशेषताएं –
- यह Automatic Identification System (AIS) डेटा का उपयोग करके जहाजों की गतिविधियों की निगरानी करता है।
- इसकी डिजाइन ऊर्जा-कुशल और लंबे समय तक संचालन के लिए अनुकूलित है।
छात्रों के लिए इस मिशन की नोट करने वाली मुख्य बातें –
- PSLV-C55 की लॉन्चिंग 22 अप्रैल 2023 को दोपहर 2 बजकर 19 मिनट पर हुई।
- यह PSLV का 57वें मिशन था, जिसने फिर अपनी उच्च विश्वसनीयता और इस तरह के कमर्शियल मिशन के लिए उपयुक्तता का प्रदर्शन किया है।
- आने वाले समय में हमें पीएसएलवी के उत्पादन और लॉन्च की वृद्धि होगी ।
- PSLV ने 57वें मिशन में सिंगापुर के दो सैटेलाइट TeLEOS-2 और Lumilite-4 को सफलतापूर्वक लांच किया गया।
PSLV-C55/TeLEOS-2 Mission
The launch can be watched live
today from 13:45 Hrs. IST on https://t.co/x5l80heWWs https://t.co/zugXQAYy1yhttps://t.co/e5izHubgtq @DDNational pic.twitter.com/258InkK460— ISRO (@isro) April 22, 2023
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