माफिया या गुंडा बनाने में परिवार या माता पिता का मुख्य किरदार होता है। वे अपने लालच या स्वार्थ की वजह से से अपने घर में अपने ही बच्चे को गुंडा या माफ़िया बनाते है। बॉलीवुड फिल्मो में जो कहानी दिखाई जाती है कि भ्रष्ट सरकारी व्यवस्था से तंग आकर युवा कैसे गुंडा या माफ़िया बन जाते है जबकि वे बहुत ही महापुरुष इंसान होते है। इस प्रकार के केस अगर आप समाज में देखेंगे तो शायद बहुत मुश्किल से मिलेंगे। ये अवधारणा बिल्कुल भी सही नहीं है।

माफिया या गुंडे का जन्म –

परिवार या माता पिता का मुख्य किरदार –

हमने देखा होगा कि हमारे स्कूल या कॉलेज में कुछ इस प्रकार के बच्चे रहते है जो चाहे कुछ भी करे जैसे कि स्कूल में चोरी टीचर को गाली मारना झगड़ा इत्यादि उनके माता पिता अपने बच्चो का ही सपोर्ट करने के लिए आगे आ जाते है। ऐसे माता पिता अपने बच्चे को धर्म का ज्ञान नहीं देते है जिसके परिणाम स्वरुप वह बच्चा चिढ़ा हुआ या झगड़ालु किस्म का या जिद्दी हो जाता है जो आगे चलकर वह अपनी प्रवृति के अनुसार काम करता है जैसे कि कॉलेज में लड़कियों को छेड़ना राह चलते गंदे कमेंट चोरी छीना झपटी इत्यादि

फिर उसी कॉलेज में अपने जैसे लड़के ढूढ़कर एक ग्रुप बना लेता है और अन्य बच्चो को ये भरोसा देता है कि इस कॉलेज में तुमसे कोई कुछ बोले तो मुझे बताना। अर्थात लड़ाई या झगडे करने की वजह ढूढता रहता है। ये कभी कभार जेल भी चला जाता है। जेल जाने पर भी इसके माता पिता इसे गलत नहीं बोलते न ही खुद जमानत करवाते है बल्कि भागे भागे किसी नेता के पास जाते है जमानत करवाने के लिए, क्युकी इससे नेता और जेल में बंद अपराधी दोनों को प्रसिद्धि मिलती है।

गलत संगत –

अगर किसी लड़के के घर वाले ऊपर बताई गयी फॅमिली के अनुसार नहीं है तो हो सकता है कि इस दूसरे तरह के व्यक्ति ने ऊपर वाले व्यक्ति का ग्रुप में भर्ती हो गया हो। क्युकी कॉलेज में ठनक भी दिखानी है लेकिन माता पिता की सख्ती या सपोर्ट न मिलने के चलते वे ऐसा नहीं कर पाते है। लेकिन गलत संगत में पढ़ने से इन्हे जेल भी कभी कभी जाना पढ़ जाता है।

धार्मिक या जातिवाद से भ्रमित –

ये बच्चे अगर गलत शिक्षा में रहते है तो देशविरोधी तक हो जाते है क्युकी स्वार्थ से बड़ा देश नहीं होता ये इनको रटाया जाता है। फिर ये देश को नोचने और खाने वाले काम करते है। जैसे की सरकारी जमीन पर कब्ज़ा, नशे को खरीदकर अपने ही देश के युवाओ को लत लगाना, विदेशी हथियार खरीदना, शासन और नेताओ को घर पर हाज़िरी लगवाना, किसी एक जाति या धर्म से बहुत ज्यादा प्यार का दिखावा तो दूसरे से बहुत ज्यादा नफरत इत्यादि इन्हे जेल जाने से डर नहीं लगता ये शासन, सविंधान, और लोगो को xxxxx समझते है। इन्हे लगता है अगर एक दम से नहीं तो धीरे धीरे इनको गुलाम बनाकर एक न एक दिन इन पर राज़ करेंगे। जेल जाते ही इन लड़को के नेता इनकी जमानत करवा देते है। इन लड़को या गुंडों को अपनी जाति या धर्म का भी सपोर्ट मिलता है। जबकि कोई भी धर्म गुंडा बनना नहीं सीखता बल्कि धर्म से व्यक्ति महापुरुष अवश्य बन जाता है।

जमानत होने के बाद माफिया का विकास –

(माफिया कैसे बनता है?)

  1. अपने आस पास 5-10 आपराधिक प्रवृत्ति के लड़के को नौकरी पर रखता है। लेकिन उन्हें भाई के समान इज्जत देने का दिखावा करता है। क्युकी माफियाराज चलाने वाले यही लोग होते है।
  2. यह उन लड़को से ही चोरी, वसूली, गुंडा टैक्स, भाई टैक्स, इत्यादि करवाता है उस पैसे से बटवारा करके फिर अपने हिस्से के पैसे से उनका लालन पालन शराब मांस इत्यादि खिलाता है। शराब पिलाने के बाद उनके साथ गाली गलौज, मार पीट भी करता है और बाद में उन्हें अपना सीधा हाथ अथवा खास आदमी बताकर क्षमा भी मांग लेता है।
  3. गाडी या बाइक खुद नहीं चलाता बल्कि इसके लिए भी गुंडा टाइप के व्यक्ति को नौकरी पर रखा जाता है। जो आँखों में काजल लगाएगा, अपनी बालों की चोटी को बढ़ा कर रखेगा और ये अन्य आम लोगो से कम बात करता है। इसका काम ड्राइवर का होता है लेकिन यह अपने आप को माफिया का सीधा हाथ समझता है। माफिया या गुंडे को किसी को डराना होता है तो सबसे पहले अपने ड्राइवर को थप्पड़ मारता है, बहुत ज्यादा गुस्से में गालियां देता है। ताकि भीड़ डर जाए। उस ड्राइवर को मार खाने की आदत लग चुकी होती है क्युकी उसे पता होता है कि ये आम दिनचर्या है।
  4. हाथ में हथियार खुद कम लेता है लेकिन साथ में नौकर टाइप के दो चार लड़के रखता है जो हाथ में हथियार लेकर शान पट्टी मारते है ये भी अपने आप को एक नौकर नहीं बल्कि माफिया का सीधा हाथ समझते है।
  5. माफिया समाज में अपनी प्रवृत्ति के लोगो को ढूढ़ कर उनकी मदद भी करते है ताकि बुरे समय में उन्हें अपनी ढाल बना सके। लेकिन प्रवृत्ति के अनुसार उनके भी सगे नहीं होते है।
  6. समाज के लोग अगर माफिया को अपनी शादी-विवाह, तेरहवी, कोई धार्मिक अनुष्ठान या कोई भी ऐसा कार्यक्रम जहाँ भीड़ इकट्ठी होती हैm उसमे अगर मिस कॉल देकर भी बुलाया जाए तो ये आने से नहीं चूकते है, क्युकी उस भीड़ को ये लोग अपनी गाडी में बैठे हुए हथियार के साथ लड़के, ड्राइवर सीट पर बैठा हुआ काजल लगाए और चोटी बड़ी करके बैठा हुआ गुंडा इत्यादि का प्रदर्शन करते है। जबकि वह खुद सफ़ेद कुर्ता-पजामा में नेता के रूप में आता है। सबसे ऐसे मिलता है, जैसे कि वह कोई महापुरुष हो।
  7. धीरे-धीरे लोग इसका नाम जानने लगते है। यह माफिया अपने काले धंधे से सफ़ेद धंधे में परिवर्तित होने लगता है। यह समाज के सभी लोगो का फायदा उठाता है। और अत्याचार भी उन्ही में से किसी एक पर चुन चुन कर करता रहता है। लोगो को लगता है मुझे क्या। या मुझे क्या लेना देना। वो तो अपना तो ख़ास है, हमारे साथ ऐसा थोड़ा ही करेगा। लोग मूर्खतावश माफिया या गुंडे भी नैतिकता खोज ही लेते है।
  8. माफिया या गुंडा भी इसी बात का फायदा उठाकर अपना दायरा समाज में बढ़ाता चला जाता है। पहले गरीबो की जमीन हड़पने वाला, फिर व्यापारीयो से वसूली करने लगता है। फिर कुछ सरकारी अफसरों से भी वसूली करने लगता है।
  9. अगर इसी समय समाज में कोई अन्य माफिया पैदा हो रहा है तो उसको भी ख़त्म करवाकर उसके साम्राज्य पर भी कब्ज़ा कर लेता है। पॉइंट नंबर 9 के अनुसार, अगर कोई बाहुबली, माफिया या गुंडा नेतागिरी तक नहीं पहुंच पता है तो वह निश्चित ही किसी अन्य बाहुबली, माफिया या गुंडा का शिकार होता है। फिर वह किसी अन्य बाहुबली, माफिया या गुंडा के लिए एक सीढ़ी की तरह काम करता है।
  10. अगर ऐसे में कही जेल जाना पड़ जाए तो कोई न कोई नेता किसी न किसी पार्टी से उसकी जमानत करवाने के लिए आ जाता है। क्युकी वो नेता भी इसी रास्ते पर चलकर नेता बनता है।
  11. यह क्रम चलता रहता है, नेता अपने क्षेत्र के गुंडों की जमानत करवाने के लिए लालायित रहते है। इससे वोट मिलता है, और अपने जैसी प्रवृति वाले व्यक्ति का कर्रिएर आगे बढ़ता है।

इसीलिए भारतीय राजनीति में भी बहुत से नेता जेल से निकले हुए होते है या जमानत पर चल रहे होते है। लेकिन जब जनता ही वोट देते समय इनका चरित्र न देखे तो उसका परिणाम उनकी पीढ़ियों को निश्चित ही भुगतना पड़ता है। अन्यथा किसे फुरसत है की कोई बाल वच्चे छोड़कर नेतागिरी करे। या फिर इतना देशभक्त व्यक्ति हो की देश के लिए शादी ही न करे। या पुरखों ने अरबो रुपये छोड़ रखे हो इत्यादि।

तो यह एक माफिया चक्र या गुंडा चक्र है। जब एक गुंडा या माफिया नेता बन जाता है तो जमानत करवाकर किसी और व्यक्ति को गुंडा या माफिया बनने का मौका देता है। जमानत होने के बाद आप ऊपर एक नंबर से फिर से पढ़े।

 

Note –  यह ब्लॉग पोस्ट सिर्फ टाइमपास या मनोरंजन करने के लिए है। कोई न्यूज़ या जानकारी नहीं है।  अन्यथा न ले।

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