क्या आप जानते है? बख्तियारपुर जंक्शन और बख्तियार खिलजी के बारे में? बिल्कुल, अब इसे रोचक तथ्य या इतिहास या सच कहा जाये की आज भी बख्तियारपुर जंक्शन का नाम उसी बख्तियार खिलजी के नाम पर है जिसने विश्वप्रसिद्द नालंदा विश्वविद्यालय को जलाया था।

ये आज भी नालंदा विश्वविद्यालय पर होने वाले जनसंहार याद दिलाता है, और वे यही चाहते थे ।  भारतवर्ष में ये विनाशकारी हमला सन 1193 में बख्तियार खिलजी के द्वारा हुआ।

नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में –

सम्राट कुमार गुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कराई थी. यह विश्वविद्यालय बाद में विश्व के प्रकाश केंद्र के रूप में स्थापित हुआ. देश विदेश से विद्यार्थी यहां आते थे और बौद्ध धर्म, व्याकरण, विज्ञान, ज्योतिष, धर्म, गणित, दर्शन शास्त्र, आयुर्वेद, तर्कशास्त्र के साथ साथ कई विषयों का अध्ययन करते थे.

उस समय यहां करीब 10 हजार विद्यार्थियों के पढ़ने की क्षमता थी और 1500 अध्यापक थे. 12वीं सदी में यह यूनिवर्सिटी दुनिया भर के छात्रों का ज्ञान केंद्र बना रहा

इतिहासकारों की मानें तो नालंदा विश्वविद्याल पर तीन बार आक्रमण हुआ था. लेकिन सबसे विनाशकारी हमला 1193 में बख्तियार खिलजी के द्वारा हुआ. इसके बाद सबसे प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय जलाकर नष्ट कर दिया।

कहा जाता है कि इसी बख्तियार खिलजी के नाम पर बख्तियारपुर शहर का नाम रखा गया था  ताकि हिन्दुओं की पीढ़ियों में भय बना रहे। उसने नालंदा को आग लगाकर हजारों लोगों को मार दिया था।

तो अब आप सोचिये या सोचकर ही ख़त्म कर देंगे कि ये आपके लिए अपमान है या सम्मान ?

क्या किसी ने भी आपके अपमान या सम्मान की परवाह की है?

Sources / Courtesy :

  1. बिहार में ‘बख्तियारपुर’ के नाम पर क्यों मचा है ‘शोर’? जानें बदलकर क्या रखने की है मांग
  2. बख्तियारपुर का नाम बदलने की बात पर भड़क उठे नीतीश कुमार
  3. ‘बख्तियार’ बिहार पर कलंक, क्रूरता- बर्बरता की निशानी 
  4. and other sources which available on public domains.

 


FAQs –

नालंदा विश्वविद्यालय को क्यों जलाया गया था?

बीमारी में जब इसके नीम, हकीम काम नहीं आये तो नालंदा विश्व विद्यालय से पास डॉक्टरों अर्थात वैद्य ने उसको ठीक कर दिए लेकिन वह बीमारी से ठीक होने पर उसको खुशी नहीं हुई, बल्कि बहुत गुस्सा आया कि उसके हकीमों से इन भारतीय (मगध – बिहार /बंगाल) वैद्यों का ज्ञान श्रेष्ठ क्यों है? दूसरे के धर्म, ज्ञान, विज्ञान से इतना चिढ गया कि उसने बौद्ध धर्म और आयुर्वेद का एहसान मानने के बदले नालंदा विश्वविद्यालय में ही आग लगवा दी। – source

बख्तियार खिलजी की मृत्यु कब हुई थी?

इख्तियार-उद्दीन-मुहम्मद-बिन-बख्तियार खिलजी की हत्या हुयी थी लेकिन पब्लिक डोमेन में कोई खास जानकारी उपलब्ध नहीं है, या हम खोज नहीं पाए। इख्तियार-उद्दीन-मुहम्मद-बिन-बख्तियार खिलजी के शरीर को 1206 में पीरपाल में दफनाया गया था

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.