आज के युग या सदी को विज्ञान की सदी माना जाता है जहा अंधविश्वास या अलौकिक शक्तियो के लिए कोई जगह नही है, क्यूकी विज्ञान सबूत माँगता है, आज विज्ञान के पास हर सवाल का जवाब डुड़ने की ताक़त है लेकिन फिर भी कई ऐसे सवाल या घटनाए है जिसे विज्ञान आज तक डुड़ने मे नाकाम है, आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे मे बताते, जिसके बारे मे हमने पता किया तो पता चला इसका कोई सबूत ही नही है, लेकिन फिर भी एक भयानक सच है, क्यूकी अगर हमारी धरती पर कोई ऐसी जगह है जहा कोई जाकर लौट नही पता, तो सबूत कौन लाएगा, और फिर उसका वैज्ञानिक विश्लेषड कैसे हो पाएगा.

Bermuda Triangle (बरमूडा त्रिभुज) वारमुडा ट्राएंगल –

इस जगह का नाम है “बरमुडा ट्राइएंगल” (Bermuda Triangle) जहां जाना जैसे आत्महत्या करने के बराबर है इसलिए कोई भी इस त्रिकोण के पास जाने तक की हिम्मत नहीं करता, विज्ञान भी नही। शायद यह बात आपको काल्पनिक लगे लेकिन यही सच है कि जैसे ही कोई समुद्री जहाज, नाव या फिर हवाई जहाज ही, इस “बरमुडा ट्राइएंगल” (Bermuda Triangle) की सीमा मे पहुंचता है वह अपना संतुलन खो बैठता है और अचानक उसका नामोनिशान ही इस दुनिया से समाप्त हो जाता है। बस कही सुनी बाते ही सुनने को मिलती है।

बरमूडा ट्रायंगल लोकेशन

उत्तर अटलांटिक महासागर (नार्थ अटलांटिक महासागर) का हिस्सा

बरमूडा ट्रायंगल का रहस्य हिंदी में –

Devil’s Triangle या स्वर्ग का द्वार या जहन्नुम का दरवाजा या नर्क का द्वार –

धरती पर मौजूद सबसे रहस्यमय और खतरनाक स्थानों में से एक बरमूडा ट्राइएंगल (Bermuda Triangle) को शैतानों का टापू   (Devil’s Triangle)/ स्वर्ग का द्वार / जहन्नुम का दरवाजा /नर्क का द्वार भी कहा जाता है। बरमूडा ट्राइएंगल, प्यूर्टोरिको, फ्लोरिडा और बरमूडा नामक तीन स्थानों को एक-दूसरे के साथ जोड़ता है और यह त्रिकोण अटलांटिक महासागर में अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित है। इसकी परिधि फ्लोरिडा, बहमास, सम्पूर्ण केरेबियन द्वीप तथा महासागर के उत्तरी हिस्से के रूप में बाँधी है। शोध करने वालों में इसके क्षेत्रफल को लेकर सर्वाधिक चर्चा हुई है। कुछ ने इसे मैक्सिको की खाड़ी तक बढ़ाया है। कुछ करीबी लोग बताते है की या जगह शापित है. इस सबका मानना है कि समुद्र के अंदर एक ऐसी शैतानी ताकत है जो अपने शिकार को अपने हाथ से जाने नहीं देती।

Bermuda Triangle मानव तर्क –

वही अगर देखा जाए तो जो इसका हल डुंड रहे है उनका एक अलग ही तर्क है, की उस एरिया मे मीथेन गैस का प्रचंड भंडार है, जिसकी वजह से वहा काफ़ी मात्रा मे विस्फोट होते रहते है, जो पानी के घनत्व मे कमी करता है. जिससे जहाज़ आदि इसमे समा जाते है, और यहा से निकालने वाली गैस (जिसे कुछ लोग इलेक्ट्रॉनिक फॉग भी कहते है) आसमान मे उड़ने वेल जहाज़ो को भी अपनी चपेट मे ले लेती है, क्यूकी उन्हे कुछ दिखाई ही नही देता और वो अपनी दिशा भटक जाते है. कुछ लोगो मानते है प्रथवी का गुरुत्वाकर्षन और यहा का चुंबकीय क्षेत्र इस जगह पर अत्यधिक चुंबकीय क्षेत्र पैदा करता है जिसमे जहाज़ इत्यादि खिचे चले जाते है या उनका रडार सिस्टम आदि काम करना बंद कर देता है, इससे जहाज रास्ता भटक जाते हैं और वो दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है.

बरमूडा ट्रायंगल पर अफवाह –

शीत युद्ध के दौरान इस बात की अफवाह काफी फैली थी कि बरमूडा ट्राइंगल (Bermuda Triangle) के अंदर अमेरिकी सरकार की ओर से अटलांटिक अंडरसी टेस्‍ट एंड इवैल्‍यूएशन सेंटर (Atlantic Undersea Test and Evaluation Center (AUTEC) ) मौजूद है। यह सेंटर एंड्रॉस आईलैंड ऑफ बाहमास (Andros Island of Bahamas)पर स्थित है। यहां पर अमेरिकी नेवी उनकी सबमरीन, सोनर और दूसरे हथियारों का टेस्ट करती है। हालांकि इस तथ्य की कभी भी पुष्टि नहीं हो पाई। लेकिन कई लोग मानते हैं कि यह सिर्फ एक टेस्टिंग सेंटर से ज्यादा है।

ब्रूस ग्रेनॉन पायलट ने बताया है अनुभव ( Bermuda Triangle Survivors) :

पायलट ब्रूस ग्रेनॉन की मानें तो फ्लाइंग के सिर्फ 28 मिनट के अंदर ही वह इस टनल के अंदर गायब हो गए थे। उनका प्‍लेन रडार से गायब हो चुका था। मियाबी बीच पर पहुंचने के बाद ही प्लेन रडार पर वापस नजर आ सका। कुछ और दूसरे विमान चालकों को यह कहते सुना गया था कि हमें नहीं पता हम कहाँ हैं। पानी हरा है और कुछ भी सही होता नजर नहीं आ रहा है। जलसेना के अधिकारियों के हवाले से लिखा गया था कि वह किसी दूसरे ग्रह पर चले गए।

बरमूडा ट्राइंगल का जिक्र क्रिस्‍टोफर कोलंबस द्वारा ( Bermuda Triangle Survivors) –

बरमूडा ट्राइंगल (Bermuda Triangle) का पहला जिक्र मशहूर अन्वेषक क्रिस्‍टोफर कोलंबस के जर्नल्‍स में मिलता है। क्रिस्‍टोफर कोलंबस ने लिखा था ट्राइंगल के अंदर जहाज के कम्‍पास ने काम करना बंद कर दिया था। इसके बाद उन्‍होंने आसमान में आग का एक गोला देखा था।.

बरमूडा ट्रायंगल मिस्ट्री हल –

लंदन मे अभी हाल के शोध मे वैज्ञानिकों ने दावा किया है वो इस रहस्य को सुलझाने के बेहद करीब पहुंच चुके हैं। ये बरमूडा ट्रायंगल (Bermuda Triangle) 150 फिट गहरा है, तो आधे मील की परिधि में खास गुरुत्वाकर्षण ताकत का निर्माण करता है। बरमूडा ट्रायंगल के इस एंगल में इतनी शक्ति है कि वो पानी के जहाज को भी खुद में समेट ले। ये शोध नॉर्वे के आर्कटिक विश्वविद्यालय की टीम कर रही है, जिन्होंने एक अखबार में लेख लिखकर इस बारे में दावा किया। उन्होंने इस पूर मामले से पर्दा उठाते हुए साफ किया कि उस जगह से मीथेन गैस का रिसाव हो रहा है। जो अलग ही वातावरण बना रहा है। और यही वजह है कि वहां अलग ही गुरुत्वाकर्षण शक्ति मौजूद है।

लेकिन तमाम शोध, और हर तरह की जाँच पड़ताल के बाद आज तक ये नही पता चल सका की इतने सारे जहाज़ो को आसमान खा गया ये समुद्रि पानी. अगर सिर्फ़ एक दुर्घटना माना जाए तो जहाज़ का मलवा भी तो मिलना चाहिए. लेकिन सदियो से इस सवाल को लेकर सिर्फ़ और सिर्फ़ एक प्रश्न चिन्ह ही है

नए शोध में क्या दावा किया गया है –

मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताकार्ल क्रुजेलनिकिक का कहना है, यहां से गायब हुए विमानों और मौतों के पीछे मानवीय गलतियां और खराब मौसम जिम्मेदार है बरमुडा ट्राएंगल समुद्र के 700,000 वर्ग किमी के ऐसे क्षेत्र में फैला है जहां सबसे ज्याद एयर ट्रैफिक है.

वैज्ञानिकों का कहना है, यहां 270 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती हैं. जब भी कोई जहाज इन हवाओं के सम्पर्क में आता है तो उसका संतुलन बिगड़ जाता है और दुर्घटना हो जाती है.

लेकिन यहाँ आम लोगों का मानना है कि यहां कोई अदृश्य शक्ति है जो भारी से भारी चीजों को खींचने की ताकत रखती है. और उसी शक्ति ने सभी जहाज़ अपने अंदर खींच लिए है।

वैज्ञानिकों का कहना है, बरमुडा ट्राएंगल में भारी चीजों को खींचने की ताकत बादलों में बनने वाले षटभुजाकार आकृति से मिलती है. यही दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार होती है. बादल और तेज हवाओं की आँधी से जब जहाज टकराते हैं तो उसे खींचकर समुद्र में ले जाते हैं.

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