सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल (CAB) संसद से पास होने के बाद अब सिटिजनशिप अमेंडमेंट ऐक्ट (CAA) यानी कानून बन चुका है। इस कानून के प्रावधानों के तहत तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन छह धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारतीयता नागरिकता देने की प्रक्रिया में ढील दी गई है जिन्होंने भारत में शरण ले रखी है।
सरकार ने कई बार साफ किया है कि यह कानून नागरिकता देने के लिए है, न कि नागरिकता छीनने के लिए। एक बड़ी आबादी को CAA और NRC में अंतर ठीक से नहीं पता है।
एनआरसी या नैशनल सिटिजन रजिस्टर (NRC) के जरिए भारत में अवैध तरीके से रह रहे घुसपैठियों की पहचान करने की प्रक्रिया पूरी होनी है। अभी यह प्रक्रिया सिर्फ असम में हुई और वहां एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी हो चुकी है। असम में यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में पूरी हुई है। ये आर्डर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिया गया था, इस NRC में भारत सरकार का कोई हाथ नहीं था।
क्या है सिटिजनशिप अमेंडमेंट ऐक्ट (CAA) or CAB?
इस नागरिकता संशोधन कानून [ सिटिजनशिप अमेंडमेंट ऐक्ट (CAA)] के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आए हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बुद्ध धर्मावलंबियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। जो कम से कम 6 सालो से रहे रहे हो और यहाँ भारत में नागरिकता मिलने का इन्तजार कर रहे थे। भारत उन्हें अब अपनी पहचान देगा, और ये सभी भारतीय हो जायेगे।
CAA / CAB को लेकर क्यों प्रदर्शन हो रहे हैं?
जितनी मुझे जानकारी है उस हिसाब से इन प्रदर्शनों को में 3 भागो में बाँटता हु –
असम में CAA / CAB के में विरोध प्रदर्शन –
यह प्रदर्शन नॉर्थ ईस्ट में हो रहा है जिसका NRC से कोई सम्बन्ध नहीं है क्युकी असम में NRC की प्रक्रिया पहले से ही हो चुकी है। और वह डिटेंशन सेंटर भी बनाया जा रहा है। ये सुप्रीम कोर्ट की देख रेख में हुआ है। यह प्रदर्शन इस बात को लेकर है कि CAA ऐक्ट को लागू करने से असम में बाहर के लोग आकर बसेंगे जिससे उनकी संस्कृति को खतरा है। हालांकि सरकार ने पहले ही साफ़ कर दिया की नार्थ ईस्ट राज्यों को जो स्पेशल स्टेटस मिला हुआ है उसमे कोई बदलाव नहीं होगा। मतलब कोई भी शरणार्थी वहाँ जमीन अब भी नहीं खरीद पायेगा। तो इस विरोध का कोई आधार नहीं है।
भारत में CAA / CAB के विरोध में प्रदर्शन ( #CAAProtest ) –
भारत में CAA को लेकर प्रदर्शन बेवजह है क्युकी ये एक्ट उन लोगो को भारतीयता प्रदान करेगा जो 6 साल से भारत में शरणार्थी बनकर गरीबी की जिंदगी बिता रहे है। इनके पास पर्याप्त डाक्यूमेंट्स न होने की वजह से ये समाज का हिस्सा नहीं बन पा रहे है। क्युकी न तो ये नौकरी कर सकते है और न ही कोई व्यापार। मजदूरी करके बच्चो को खुले आसमान में पाल रहे है।
इन लोगो को सिर्फ इनके धर्म की वजह से इनके देशो से भगाया गया, इन्होने सब कुछ झेला जिसमे बलात्कार तक शामिल है। लेकिन इन्होने धर्म परिवर्तन नहीं किया। आप समझ सकते है की ये सिर्फ अपने धर्म को मानने वाले लोग है और भारत ऐसे लोगो से प्यार करता है न की नफरत।
इस एक्ट में किसी भी भारतीय नागरिक, चाहे वो किसी भी धर्म को हो, उसको भारतीय नागरिकता प्रमाणित करने का कोई प्रावधान नहीं है। अगर आपको विश्वास नहीं है तो ओरिजिनल भारत का राज पत्र देख सकते है।
फिर CAA का विरोध क्यों –
कुछ लोग विरोध कर रहे है क्युकी –
- भारतीय मुस्लिम नागरिको को भड़काया जा रहा की इससे नागरिकता छीन जाएगी, जो की 1000….% झूट है।
- जो वास्तव में घुसपैठिये है उनका विरोध समझ में आता है क्युकी उनकी नागरिकता वास्तव में छीनी जानी चाहिए। ये लोग प्रताड़ित होकर भारत में नहीं आये बल्कि उलटे-सीधे धंधे के द्वारा पैसे कमाने के लिए दाखिल हुए है।
- राजनितिक पार्टिया इन प्रदशनो को सपोर्ट क्यों कर रही है इसे बताने की जरुरत है नहीं। कोई भी समझ सकता है की वोट के लिए देश की सुरक्षा और देश के लोग मायने नहीं रखती।
- इसलिए इन्ही घुसपेठियो के सपोर्ट में ये प्रदर्शन हो रहे है। क्युकी कुछ पार्टियों ने अपना वोटबैंक बढ़ाने के लिए देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया। जबकि NRC के लिए अभी भारत सरकार ने कोई कदम उठाया ही नहीं है।
भारत में CAA / CAB के सपोर्ट में प्रदर्शन ( #IndiaSupportsCAA ) –
आपने CAA का विरोध तो देखा होगा और साथ ही साथ इसके सपोर्ट में प्रदर्शन देखा होगा जो बहुत ही शांतिप्रिय था. लोगो ने सरकार के इस कानून का पूरी तरह से स्वागत किया है। क्युकी –
- इन लोगो को सिर्फ इनके धर्म के कारण प्रताड़ित किया गया।
- इन लोगो को भारत के अलावा कोई और देश जगह न दे रहा है और न देगा।
- इन लोगो की संस्कृति और भारत की संस्कृति समान है। जैसे हिन्दू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध, ईसाई आदि। सिर्फ भारत ही पूरी दुनियां में ऐसा देश है जहाँ सभी धर्म के लोग प्रेम से रहते आये है।
एनआरसी का क्या मतलब है? (What is NRC in Hindi?)
आसान भाषा में कहें तो एनआरसी वो प्रक्रिया है जिससे देश में गैर-कानूनी तौर पर रह विदेशी लोगों को खोजने की कोशिश की जाती है.
सरकार का कहना है कि वह पूरे देश में NRC लागू करेगी। लेकिन चिंता की बात नहीं है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश में लागू होने वाली एनआरसी की रूपरेखा असम की एनआरसी के मापदंडों से बिलकुल अलग और सरल होगी। जिसके दिशा निर्देश जनता को पहले समझा दिया जाएगा। फिलहाल NRC को लेकर सरकार ने किसी भी तरह की प्रक्रिया शुरू नहीं की है।
क्या है कैब और एनआरसी में अंतर, यहां समझें (Difference between CAA, CAB and NRC)-
नागरिकता संशोधन कानून CAA लागू होने के बाद कई लोगों को लगता है कि सरकार एनआरसी भी लागू करेगी. कई लोग इसे नागरिकता संशोधन कानून CAA से जोड़कर देख रहे हैं. सच्चाई यह है कि इस CAA कानून और NRC एनआरसी के बीच कोई संबंध नहीं है नीचे देखे मुख्य अंतर –
- CAA – इस कानून के द्वारा उन लोगो को नागरिकता दी जाएगी, जिन्हे उनके धर्म के कारण अपने देशो से प्रताड़ित करके भगाया गया, उनकी सम्पति छीन ली, औरतो का शोषण हुआ और जो वर्षो से भारत में गरीबी की जिंदगी सड़को पर काट रहे थे।
- NRC – यह प्रक्रिया शुरू नहीं हुयी है, वैसे ये सभी देशो में होती है क्युकी हर देश अपने नागरिको की लिस्ट रखता है। इसे जनगणना भी कह सकते है। लेकिन जनगणना से थोड़ी सी अलग होगी। इसमें सभी धर्म के लोग हमेशा से शामिल होते रहे है।
इसमें भी भारतीय नागरिको की नागरिकता जाने का कोई प्रावधान नहीं होता। लेकिन जो वास्तव में घुसपेठियो है उनको चिन्हित किया जायेगा और कार्यवाही भी की जाएगी। उनको नागरिकता साबित करने के लिए देश का सविधान, कोर्ट और लोग उनके साथ है, अगर वास्तव में भारतीय नागरिक है तो।
एनआरसी के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत है? What documents need NRC?
NRC अगर होती भी है तब भी किसी भारतीय को डरने की जरुरत नहीं क्युकी ऐसा कोई भारतीय नहीं है जिसके माता पिता भारत में पैदा नहीं हुए हो। और जिसके माता पिता भारत में पैदा नहीं हुए तो उसे साबित करना होगा की वो भारतीय कैसे है ?
अभी सरकार ने इसके बारे में कोई प्रक्रिया चालू नहीं की है जब होगी दिशा निर्देश भी होंगे। और हम आपको उन दस्तावेजों के बारे में जानकारी भी देंगे।
गृहमंत्री जी संसद में बोला था की “NRC तो होकर रहेगी”, लेकिन उसके बारे में अभी तक सरकार ने कोई भी दिशा निर्देश नहीं दिए है और न ही कोई प्रक्रिया चालू की है अभी तक।
इसलिए प्रधान मंत्री ने भी बोला की “अभी NRC लागु नहीं हुयी है” और न ही कोई प्रक्रिया है अभी” इसलिए बिना जानकारी के चिल्लाना कहा तक उचित है।
क्या NRC उचित है ?
बिल्कुल, आखिर कौन चाहेगा की उसके पड़ोस में, गली-मोहल्ले, गांव में या फ्लैट में ऐसा कोई रहता हो जो घुसपैठिया हो, अगर वो क्राइम भी करता है तो उसे कौन पकड़ सकता है?
इसलिए सभी भारतीयों को जोश के साथ इसका स्वागत करना चाहिए क्युकी इससे भारत का भविष्य और भारत के लोग सुरक्षित होंगे।
भारत में नागरिकता से जुड़ा कानून क्या कहता है?
नागरिकता अधिनियम, 1955 में साफ-तौर पर कहा गया है कि 26 जनवरी, 1950 या इसके बाद से लेकर 1 जुलाई, 1987 तक भारत में जन्म लेने वाला कोई व्यक्ति जन्म के आधार पर देश का नागरिक है. 1 जुलाई, 1987 को या इसके बाद, लेकिन नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2003 की शुरुआत से पहले जन्म लेने वाला और उसके माता-पिता में से कोई एक उसके जन्म के समय भारत का नागरिक हो, वह भारत का नागरिक होगा. नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2003 के लागू होने के बाद जन्म लेने वाला कोई व्यक्ति जिसके माता-पिता में से दोनों उसके जन्म के समय भारत के नागरिक हों, देश का नागरिक होगा.
इसलिए भ्रम न फैलाये, सरकार आपके अर्थात भारत के बेहतर और सुरक्षित भविष्य के लिए, अपने वोट से भी पन्गा ले रही है, कृपया साथ दे। चाहे आप किसी भी धर्म से सम्बन्ध रखते हो। आपका भारतीय होना ही सबसे बड़ा धर्म है। किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनने का सवाल ही नहीं है।
Guest Post By – Pradeep Singh
Source – Change.org