हमने अकौआ (Calotropis gigantea plant) सफेद आक के पेड़ को हर जगह देखा होगा क्योंकि ये भारत के केवल बर्फीले इलाके को छोड़कर हर जगह पाया जाता है| इसके पेड़ को लगाने की जरुरत नहीं होती है| ये अपने आप ही उग जाते है| मदार  का पेड़ हमें सड़क के किनारे ,नालियों के आसपास ,खेतों की मेड़ो पर और अपने घर के आसपास सभी जगह आसानी से देखने को मिल जाता है| मदार का पेड़ गर्मियों में हर-भरा रहता है और बरसात में सुख जाता है| ये पेड़ दो प्रकार का होता है एक वो जिसमे सफेद फूल आते है| दूसरा वो जिसमे बैगनी रंग के फूल आते है| इसमें से सफेद रंग के फूल वाले पेड़ का उपयोग आयुर्वेद ,होम्योपैथी और एलोपैथी सभी में किया जाता है| जबकि बैगनी रंग के फूल वाले पेड़ का उपयोग कम किया जाता है क्योंकि ये अधिक विषैला होता है| मदार के पेड़ की पत्ती ,जड़ ,फूल तथा दूध सभी औषधियों के रूप में कार्य करते है|

मदार, आक पेड़ की पहचान -:

इसका पेड़ 4 से 12 फीट की ऊचाई तक लम्बा हो सकता है| इसके पत्ते आयताकार और मोटे होते है जिनकी लंबाई और चौड़ाई 6*3 हो सकती है| इसके पत्तो का रंग गहरा हरा न होकर हल्का भूरा-भूरा सा होता है |इसके पत्तों या डंडी  को तोड़ने पर दूध जैसा तरल पदार्थ निकलता है| इसके फल कैरी के समान होते है जो कि पक जाने पर अपने आप ही फट जाते है और उसमे से रुई से ढके काले रंग के बीज निकलते है| इसकी दो प्रजातिया होती है एक में सफेद रंग के फूल लगते है तो एक में बैगनी रंग के फूल लगते है|

मदार  Aakके विभिन्न Naam -:

इसे हम निम्नलिखित नामों से बोलाते है जैसे – अर्क ,श्वेतार्क ,अकौव ,आक ,आकन्द ,आकमदार ,धोलो आकड़ो ,अकौआ आदि|

Aak Ke Ped से संबंधित भ्रांति -:

मदार के पेड़ (Aak Ke Ped) को लेकर लोगों के मन में बहुत सारी गलत फेमिया है कि मदार के पेड़ के केवल फूल ही भगवान शंकर को चढ़ाने के काम आते है और इसके अलावा इसका कोई उपयोग नहीं है| और यह पेड़ जहरीला होता है ,अगर कोई इसके पत्ते ,फूल या फल खा ले तो यह मर जाता है| इसी लिए आप लोगों ने देखा होगा कि हमारे घर के बड़े लोग बच्चों को इस पेड़ से दूर रहने को कहते है| और ये भी कहते है कि अगर इसके दूध को आँखों में लगा लो तो हमारी आँखे फुट जाती है और हम अंधे हो जाते है| लेकिन ये सब पूरी तरह से सही नहीं है क्योंकि इस पौधे के बहुत से लाभ होते है जिससे हम पूरी तरह से अनजान है|

Aak के पत्ते ,फूल ,जड़ और doodh से होने वाले लाभ -:

मदार का पेड़ वैसे तो जहरीला होता है लेकिन फिर भी इसका प्रयोग आयुर्वेद में औषधी के रूप में किया जाता है| क्योंकि इसके प्रयोग से बहुत सारी बिमारियों को ठीक किया जा सकता है| अगर हम मदार के पत्ते ,फूल ,जड़ और दूध का सही मात्रा में प्रयोग करे तो इसके बहुत सारे फायदे होते है जैसे –

  1. Aak के पत्ते से होने वाले Fayade –

  • मदार के कुछ सूखे पत्ते लेकर उसे सरसों के तेल में उबालकर अच्छे से जला ले| और इसके बाद उस तेल को ठंडा कर ले| फिर उसमे थोड़ा सा कपूर मिलाकर उसे एक शीशी में भरकर रख ले| तथा इस तेल का प्रयोग खाज-खुजली वाले अंगो पर करे तो इससे बहुत लाभ मिलता है|
  • मदार के पत्ते को पानी में डालकर आबदस्त लेने से बवासीर की समस्या में आराम मिलता है|
  • मदार के पत्ते ले और उसमे एक चौथाई हिस्सा काला नमक मिलाकर उसे अच्छे से कूट ले और आग में जलाकर उसकी भस्म तैयार कर ले| और इस भस्म का पानी या शहद के साथ एक माह तक सेवन करे तो खांसी और दमा की समस्या दूर हो जाती है|
  1. Madar के दूध से होने वाले Labh –

  • मदार के दूध का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि अगर कही पर भी कांटा लग जाये तो इसके दूध को उस जगह पर लगाने से कांटा बाहर आ जाता है|
  • अगर बाल ज्यादा टूट रहे है तो मदार के दूध को लगाने से बाल झड़ना बंद हो जाते है|
  • इसका दूध लगाने से उंगलियों में होने वाली सडन दूर हो जाती है|
  • अगर किसी को छोटे सफेद दाग हो गये है तो काले नमक को मदार के दूध में घिसकर दागों पर लगाये तो वे ठीक हो जायेंगे|
  • बिच्छु के काट लेने पर मदार का दूध बार-बार लगाये तो उसका विष कम हो जाता है|
  • अगर दाद हो गया है तो शहद और मदार का दूध बराबर मात्रा में मिलाकर उस दाद पर तीन-चार बार लगाने से वह ठीक हो जाता है|
  • अगर हिलते हुए दांत की जड़ो में एक-दो बूंद मदार के दूध की डाल ले तो दांत आसानी से निकल जाता है|
  • चेहरे पर कील-मुहांसे हो जाये तो मदार के दूध में हल्दी पीसकर रात में सोते समय कुछ दिनों तक लगाते रहे तो वह ठीक हो जाते है|
  1. मदार की जड़ से होने वाले लाभ –

  • मदार की जड़ो को पानी में पीसकर उसका लेप तैयार कर ले| और उसे फोड़े-फुंसी पर लगाये तो वह ठीक हो जाते है|
  • जिन्हें वात का रोग है तो वे तिल के तेल में मदार की जड़ो को पका ले| और उसे ठंडा कर के पीड़ित अंगों पर लगाये तो जल्द आराम मिलेगा|
  • अगर किसी को गर्मी के कारण कोई घाव हो जाये तो मदार की जड़ो का चूर्ण उस पर लगाये तो वह ठीक हो जाता है|
  • यदि किसी को खुजली हो जाये तो मदार की जड़ो को जलाकर राख बना ले| और उसे सरसों के तेल में मिलाकर लगाये तो खुजली ठीक हो जाती है|
  • मदार की जड़ो की छाल का चूर्ण ,अदरक के रस और काली मिर्च को पीसकर खाने से हैजा ठीक हो जाता है|
  • अगर सूजन है तो मदार की जड़ो का चूर्ण खाने से खत्म हो जाती है|
  • यदि किसी महिला को प्रदर रोग हुआ है तो उसे मदार का चूर्ण दही के साथ खिलाना चाहिए|
  1. मदार के फूल से होने वाले लाभ –

  • मदार के दो बिना खिले फूल को थोड़े से गुड में मिलाकर खाने से मलेरिया का बुखार नहीं चढ़ता है| और यह बालतोड़ को भी नष्ट कर देता है|
  • जोड़ो के दर्द में भी मदार के फूल लो गर्म करके प्रभावित अंग पर बांध ले ,तो जोड़ो का दर्द ठीक हो जाता है|
  • मदार के 10-12 फूलों को पीसकर एक गिलास दूध में रोजाना सुबह एक माह तक ले तो पथरी निकल जाती है|
  • बवासीर के दर्द में मदार के फूल के धुएं से सिकाई करने से दर्द कम हो जाता है|
  • मदार के फूल को शिवलिंग पर चढाने से वे प्रसन्न होते है|

मदार के पेड़ से होने वाले नुकसान -:

जैसा कि हम जानते है मदार का पेड़ विषैला होता है| इसके विषैले होने के कारण इसके कई नुकसान भी होते है| अगर हम मदार के पेड़ के किसी भी भाग जैसे फूल ,पत्ते ,जड़ ,तना या दूध का उपयोग औषधी के रूप में करते है तो हमें इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करना होता है| अगर इसकी मात्रा ज्यादा हो जाये तो ये हमें हानि भी पंहुचा सकती है| इसलिए जब भी मदार के पेड़ का उपयोग करे तो पहले उसके बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर ले| और ये पता कर ले कि इसकी कितनी मात्रा हमारे लिए लाभदायक होगी|

Safed Aak (श्वेतार्क का पौधा) या अकौआ के पौधे का हिन्दू धर्म में महत्व :

जैसा की आप जानते ही होगे की सफेद आक का प्रयोग पूजा में किया जाता है। इसके पुष्प से भगवान शिव की आराधना की जाती है। यह पौधा बड़ा ही चमत्कारी एकाग्रता, स्वास्थ्य और उत्साह को देने वाला है। इसे अपने घर में रखने वाले पर भगवान शिव और भगवान गणेश की विशेष कृपा रहती है। आक की जड़ रविपुष्य नक्षत्र में लाल कपड़े में लपेटकर घर में रख लें, घर में सुख-शांति तथा समृद्धि बनी रहेगी। और अगर आप श्वेतार्क के नीचे बैठकर प्रतिदिन साधना करें, जल्दी फल मिलेगा।

जिस घर में इसकी जड़ होती है वहां कभी भी निर्धनता नहीं रहती और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रहता है। अपने इन अद्भुत गुणों के कारण ही इसे आधुनिक कल्पवृक्ष कहा जाता है। अक्षय तृतीया के शुभ दिन इसे अपने घर, दुकान, ऑफिस फैक्टरी आदि जगह पर लगाइए और अनुभव कीजिए इसके विघ्न विनाशक रिद्धि, सिद्धि फलदायक प्रभाव को।

सफ़ेद अकौआ के पौधे का तंत्र मंत्र में महत्व :

सफ़ेद अकौआ का उपयोग तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है। इसे तांत्रिक प्रयोगों से बचने के लिए किया जाता है। जिस घर में यह लगा होता है उस घर किसी भी प्रकार के तंत्र-मंत्र या जादू-टोने का असर नहीं होता है। तंत्र शास्त्र में यह बताया गया है कि यदि सफेद आक से निर्मित गणेश प्रतिमा की विधिवत पूजा की जाए तो सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
इसके पत्ते पर अपने शत्रु का नाम इसके ही दूध से लिखकर जमीन में दबा दिया करें, वह शांत रहेगा। इस पत्ते को जल प्रवाह कर दें तो शत्रु आपको छोड़कर और कहीं चला जाएगा। इस पत्ते से यदि होम करते हैं तब तो शत्रु का भगवान ही मालिक है, सफ़ेद अकौआ के फल से निकलने वाली रुई की बत्ती तिल के तेल के दीपक में जलाकर लक्ष्मी साधनाएँ करें, माँ की आप पर कृपा बनी रहेगी ।

सफ़ेद अकौआ के पौधे की जड का तंत्र साधना में महत्व :

तीन चार वर्ष से अधिक पुराने वृक्ष की कुछ जड़ें लगभग गणेश जी की आकृति में प्रायः मिल जाती हैं। यदि गणपति जी की आकृति स्पष्ट न हो तो किसी कारीगर से आकृति बनवाई भी जा सकती है। इसको अपने पूजा में रखकर नियमित पूजन- आराधना करने से त्रिसुखों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में मदार की स्तुति इस मंत्र से करने का विधान है।

चतुर्भुज रक्तनुंत्रिनेत्रं पाशाकुशौ मोदरक पात्र दन्तो, करैर्दधयानं सरसीरूहस्थं गणाधि नामंराशि चू यडमीडे।

 

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डिस्क्लेमर – दी गयी जानकारी सिर्फ पब्लिक डोमेन और गांव की जनता में उपलब्ध विचारो के आधार पर है किसी भी तरह की औषधि रूप में इस्तेमाल से पहले वैध या डॉक्टर से जरूर पूछे। यह लेख किसी भी क्लेम की जिम्मेदारी नहीं लेता।


FAQs –

सफेद आंकड़े का मतलब क्या होता है?

श्वेत आक के पौधे को गणपति जी का स्वरुप माना जाता है।

सफेद आंकड़ा घर में लगाने से क्या होता है?

घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है और आर्थिक लाभ भी होता है।

सफेद आंकड़े को कैसे पहचाने?

इसके पत्ते बरगद के पत्तों के समान मोटे होते हैं। करीब 5 फुट चौड़ा और 7 फुट ऊंचा होता है।

सफेद आक के क्या क्या फायदे हैं?

इसमें सफेद फूल होते हैं, जो भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं। पवित्र आक का पौधा अपने मुख्य द्वार पर या उसके सामने लगाना अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा और ताकतों से बचाता है

सफेद आंकड़ा कब लगाना चाहिए?

यह किसी शुभ दिन जैसे दिवाली, धनतेरस, विजयदशमी, होली, नवरात्र आदि के दिन लगाना चाहिए

सफेद आक का पौधा किस दिन लगाना चाहिए

इस पौधे को शिव जी के दिन सोमवार के दिन लगाना चाहिए। वो भी श्रध्दा और विश्वास के साथ।

सफेद आक का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं

बिलकुल लगाना चाहिए। यह शुभ होता है।

घर में मदार का पेड़ लगाना चाहिए या नहीं

इस पौधे को पूर्व-उत्तर कोने में या इन दिनों की दिशा में लगाया जा सकता है। इससे धन लाभ होता है। इस पौधे के शुभ फल से सभी प्रकार के कार्य सिद्ध होते हैं और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। इस पौधे को दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए। क्युकी यहाँ यमलोक है।

सफेद आंकड़े की जड़ से संतान प्राप्ति कैसे होती है?

इंटरनेट पर हमने ऐसे कई लेख प्राप्त किये है, सफेद आक की जड़ को पीसकर दूध में मिलाकर लगाएं इत्यादि जैसे कई तरीके बताये गए है। चूँकि हमें उसकी प्रामाणिक जानकारी अभी तक प्राप्त नहीं हुयी तो कहना मुश्किल है।

मदार की जड़ को कमर में बांधने से क्या फायदा होता है?

संतान की इच्छा रखने वाली महिलाएं मदार की जड़ को शुक्रवार को शुभ नक्षत्र में लाकर कमर में बांध सकती है। चूँकि हमें उसकी प्रामाणिक जानकारी अभी तक प्राप्त नहीं हुयी तो कहना मुश्किल है।

हालाँकि सफेद आंकड़े की जड़ के उपाय प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताये गए, कई तरीके यूट्यूब पर वायरल है। जिनके बारे में हमें ज्ञान नहीं है।

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