आज हम आप को ऐसे पौधे और उसके फूल के (sadabahar phool ke baare mein) बारे में बताने जा रहे है जो कि बहुत साधारण सा दिखता है और बड़ी आसानी से सभी जगह मिल जाता है| वो है सदाबहार का पौधा| इसको सदाबहार इसलिए कहा जाता है क्योकि इसमें 12 महीने यानि पुरे वर्ष फूल आते हैं, इसलिए इसको (baramasi phool) बारह मासी, सदपुश्पा भी कहा जाता है|
लोग इसके फूल को पूजा में भगवान पर चढाने के लिए लेते है| और इसके पौधे को व्यर्थ समझकर फेंक देते है| क्योकि वे केवल इतना ही जानते है कि इस पौधे का केवल फूल ही पूजा के काम में आता है बाकी इसका कोई और उपयोग नहीं हैं| लेकिन यह सत्य नही है क्योकि ये सदाबहार का पौधा और इसका फूल बहुत ही उपयोगी है| और बहुत से आयुर्वैदिक गुणों से परिपूर्ण हैं|
सदाबहार एक छोटा सा झाड़ीनुमा पौधा होता है। इसके पत्ते गोल थोड़ी लम्बाई लिए अंडाकार व अत्यंत ही चमकदार व चिकने होते हैं। पांच पंखुड़ियों वाला यह पुष्प श्वेत, गुलाबी, फालसाई, जामुनी आदि रंगों में खिलता है। पत्ते व फल की सतह थोड़ी मोटी होती है। इसके चिकने मोटे पत्तों के कारण ही पानी का वाष्पीकरण कम होता है इसी कारण यह बड़ी आसानी से कही पर भी लग जाता हैं| लोग इसका उपयोग घर की सजावट के लिए अधिक करते है|
सदाबहार के पौधे में अनेक औषधीय गुण होने के कारण इसका उपयोग अनेक प्रकार की बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है| जैसे कैंसर ,हाई ब्लडप्रेशर और मानसिक विकारो आदि|
सदाबहार के फूल और पौधे से होने वाले लाभ (Baramasi phool ke fayde) -:
- सदाबहार के पौधे का पर्यावरणीय महत्त्व भी होता है क्योकि सदाबहार की पत्तियां विघटन के दौरान मिट्टी में उपस्थित हानिकारक रोगाणुओं को नष्ट कर देती है|
- सदाबहार की पत्तियों में दो Alkaloid पाए जाते हैं, vincristine and vinblastine ,जो कैंसर को ठीक करने में सहायक होते है इसलिए अगर हम कैन्सर के रोगियों को इसकी पत्तियों की चटनी बना कर या इसका रस निकाल कर दे तो उसे फायदा मिलता है लेकिन ध्यान रहे कि ये सुबह खाली पेट ही देना है शौच के बाद|
- डायबिटीज (how to use sadabahar plant for diabetes in hindi) में इस पौधे के फूल पत्ते टहनी आदि का रस पिये या इसकी चटनी बना कर खाएं या रात को 5 पत्ते एक गिलास पानी में भिगो कर रख दें और सुबह खाली पेट शौच के बाद इस पानी को पीजिये, और चटनी भी खाली पेट ही लेनी है| इसको करने के 10 दिन बाद अपनी शुगर जांच करवाएं, आपको निश्चित ही फायदा होगा|
- सदाबहार का पौधा उच्च रक्तचाप के लिए अत्यंत प्रभावशाली है, अगर हम इसकी जड़ को साफ़ करके सुबह चबा चबा कर के खाए या फिर दातुन की तरह चबा चबा कर इसका रस पीते रहें तो उच्च रक्तचाप की बिमारी में फायदा मिलता है|
- सदाबहार की पत्तियों और फूलों को कुचलकर बवासीर होने पर इसे लगाने से जल्द ही आराम मिलता है। ऐसा प्रतिदिन रात को सोने से पहले करना चाहिए|
- ततैया या मधुमक्खी के डंक मारने पर अगर हम सदाबहार की पत्तियों का रस लगाये तो जल्दी आराम मिलता हैं|
- अगर त्वचा पर घाव या फोड़े-फुंसी हो जाए तो इसकी पत्तियों का रस दूध में मिला कर लगाने से घाव पक जाता है और जल्द ही मवाद बाहर निकल आता है।
- सदाबहार की पत्तियों को तोड़ने पर जो दूध निकलता है, उसे घाव पर लगाने से किसी तरह का संक्रमण नहीं होता और घाव जल्दी सूख भी जाता है।
- इसके दूध को खाज-खुजली पर लगाने पर जल्द आराम मिलने लगता है।
- सदाबहार के फूलों और पत्तियों के रस को मुहांसों पर लगाने से मुहांसे ठीक हो जाते हैं|
- अगर त्वचा पर खुजली, लाल निशान या किसी तरह की एलर्जी हो गई है तो इसकी पत्तियों का रस लगाने ये सभी रोग दूर हो जाते हैं|
इस प्रकार आपने देखा कि साधारण से दिखने वाला यह पौधा कितने काम का है| और इसके द्वारा कितने सारे रोगों के घरेलू उपचार किये जा सकते हैं|