आज हम आपको एक ऐसी जड़ी-बूटी के बारे में बताने जा रहे है जो दिखने में बहुत ही साधारण सी लगती है लेकिन इसके अंदर बहुत से औषधीय गुण होते है| जो बहुत सी बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखते है| उस जड़ी-बूटी का नाम – चित्रक Plumbago zeylanica है|
शायद इसका पौधा (chitrak ka podha) आपके घर के आसपास हो लेकिन आप इसके औषधीय गुण के बारे में न जानते हो इसलिए हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे है ताकि आप इसका लाभ उठा सके|
तो आइए जानते है चित्रक के बारे में और इसके औषधीय गुण के बारे में –
चित्रक क्या है? (What is Chitrak in Hindi?)
( Chirata kya hota hai )
यह लंबे समय तक हरा-भरा रहने वाला पौधा है| इसका तना बहुत छोटा होता है| इसके जड़ से ही कई सारी हरे रंग की चिकनी डालियां निकली होती है| इसके पत्ते आकार में गोल व हरे रंग के होते है| इसमें सितम्बर से नवंबर के बीच फूल लगते है| इसके फूल नीले ,बैंगनी तथा हल्के सफेद रंग के होते है|
चित्रक की फूलों के रंग के आधार पर तीन प्रजातियां होती है – लाल चित्रक ,सफेद चित्रक ,नीला या बैंगनी चित्रक| इसमें से सफेद चित्रक का जड़ी-बूटी के रूप में सबसे अधिक उपयोग किया जाता है|
चित्रक कहाँ पाया जाता है? (Where to find Chitrak Plant or Root?)
महाराष्ट्र ,बिहार ,पश्चिम बंगाल ,उत्तर प्रदेश ,गुजरात ,सिक्किम ,दक्षिण भारत ,श्रीलंका ,मध्य प्रदेश ,खासिया पहाड़ में चित्रक अधिक पाया जाता है|
चित्रक के विभिन्न नाम (Various names of Chitrak Plant) –
चीता ,चितरक ,चितामूला ,चितापारू ,वाहिनी ,चित्रा ,चित्रुक ,चितालकड़ी ,चित्रमुलमू ,कोदिवेली ,कोटूबेली ,शीतराज ,सितारक, Plumbago zeylanica (प्लम्बैगो जे़लनिका) आदि|
रंग-भेद से हम इन्हे (चित्रक) तीन जातियों में पहचानते है जो इस प्रकार है –
- सफेद चित्रक (Plumbago zeylanica Linn.)
- लाल चित्रक (Plumbago indica Linn.)
- नीला चित्रक (Plumbago auriculata Lam.)
तीनों प्रकार के चित्रक जड़ी-बूटी को कई नामों से जाना जाता है, जो ये हैं —
सफेद चित्रक के नाम (Names of White Chitrak)
- Hindi – चीत, चीता, चित्रक, चित्ता, चितरक, चितउर
- English – Ceylon leadwort (सिलोन लेडवर्ट), व्हाइट फ्लॉवर्ड लेडवर्ट (White flowered leadwort), व्हाइट लेडवर्ट (White leadwort)
- Tamil (plumbago zeylanica in tamil) – चित्रकम (Chitrakam), कोदिवेली (Kodiveli)
- Telugu – तेल्लाचित्रमूलामू (Tellachitramulamu), चित्रमूलमु (Chitramulamu)
- Bengali – चिता (Chita), चित्रुक (Chitruk)
- Nepali – चितु (Chitu)
- Punjabi – चित्रक (Chitrak)
- Marathi – चित्रक (Chitraka), चित्तमूला (Chitramula)
- Arabic – शीतराज (Shitaraj), चीता लकड़ी (Chita lakri)
- Persian – बेख बरंदा (Bekh baranda), सितारक (Shitarak), सितीरक (Shitirak)
- Malayalam (plumbago zeylanica malayalam name) – वेल्लाकोटुवेरी (Vellakotuveri), कोटुबेलि (Kotubeli)
- Sanskrit – चित्रक, अग्नि, अग्निमाता, ऊषण, पाठी, वह्नि संज्ञा
- Urdu – चितालकड़ी (Chitalakri)
- Oriya – चितामूला (Chitamula), चितापारू (Chitaparu)
- Kannada – चित्रकमूल (Chitrakmoola), वाहिनी (Vaahini)
- Gujarati – चित्रो (Chitro), चित्रा (Chitra)
लाल चित्रक के नाम (Names of Red Chitrak)
- Hindi – लालचित्रक, रक्तचित्रक
- English – रोज-कलर्ड लेडवर्ट (Rose-coloured leadwort), रोजी फ्लावर्स (Rosy flowers), फायर प्लांट (Fire plant), Indian leadwort (इण्डियन लेडवर्ट)
- Sanskrit – रक्तचित्रक, चित्रक, दिपिका, रक्तशिखा
- Oriya – रोंगा चित्रमूलो (Ronga-chitramulo), लालचित्र (Lalchitra), ओगनी (Ogni)
- Kannada – केम्पू चित्रमूल (Kempu chitramula)
- Bengali – लालचिता (Lalchita), रक्तोचिता (Raktochita)
- Marathi – लालचित्रा (Lalchitra)
- Malayalam (plumbago zeylanica malayalam name) – चुवन्नकोटुवेली (Chuvannakotuveli), चेट्टीकोटुवेली (Chettikotuveli)
- Arabic – चीत्तरमूल (Chittermul), शीतराजेमर (Shitarajehmar)
- Persian – शीतराकेसुर्ख (Shitarakesurkh)
नीला चित्रक के नाम (Names of Blue Chitrak)
- Gujarati – लाल चित्रक (Lalchitrak), रातोचात्रो (Ratochatro)
- Tamil (plumbago zeylanica in tamil) – अक्किनी (Akkini), चित्रमूलम (Chitramulama), सेन्कोदीवेली (Cenkodiveli) Telugu – इराचित्र मूलम (Errachitramulam)
- Hindi – नीलचित्रक, नीलाचीता
- English – लैडवर्ट (Leadwort), प्लम्बैगो (Plumbago), ब्लूफ्लावर्ड लेडवर्ट (Blueflowered leadwort),
- Cape leadwort (केप लेडवर्ट)
- Sanskrit – नीलचित्रक, नीलाग्नीशिखा, नीलाशिखा
- Telugu – चित्रमुलम (Chitramulamu), चित्रिका (Chitrika)
- Manipuri – तेलहीदक (Telhidak)
चित्रक का किन-किन बीमारियों मे औषधी के रूप में उपयोग किया जाता है?
(In which diseases is Chitrak Plant or Root used as a medicine?)
बुखार ,खुजली ,गंठिया ,चर्मरोग ,मानसिकरोग ,घाव को ठीक करने ,नकसीर ,पाचनतंत्र को ठीक रखने ,मधुमेह ,उल्टी आदि
चित्रक के फायदे (chitrak root powder health benefits )–
चित्रक की जड़ व छाल का उपयोग जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है तो आइए जानते है इसके क्या-क्या फायदे होते है?
(The root and bark of the Chitrak Plant are used as herbs, so let’s know what are its benefits?)
- चित्रक की जड़ के चूर्ण को शहद व अदरक के साथ मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से सर्दी-खांसी ठीक हो जाती है|
- शरीर में घाव होने पर इसकी छाल को पीसकर लेप लगाने से घाव भर जाता है|
- नकसीर होने पर इसके चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चाटने से खून बहना बंद हो जाता है|
- चर्मरोग रोग होने पर इसकी जड़ की छाल के चूर्ण को पीसकर लगाने से इस रोग में आराम मिलता है|
- चित्रक के चूर्ण का सेवन करने से मानसिक रोग भी ठीक हो जाता है|
- इसकी जड़ को पीसकर उसे छाछ के साथ पीने से बवासीर नष्ट हो जाता है|
- अगर किसी को बुखार हो और वह खाना न खा रहा हो तो इसकी जड़ को चबाने से बुखार में आराम मिलता है और भूख भी लगती है|
- लाल चित्रक की जड़ के चूर्ण को तेल में मिलाकर मालिश करने से जोड़ो के दर्द में आराम मिलता है|
- खुजली होने पर लाल चित्रक की जड़ को दूध के साथ पीसकर लेप लगाना चाहिए|
- कब्ज होने पर चित्रक की जड़ के चूर्ण को घी में पाकर दिन में दो बार खाने से आराम मिलता है|
- स्वर भेद की समस्या को भी चित्रक का चूर्ण दूर करता है|
चित्रक का सेवन करते समय सावधानी (Caution when consuming Chitrak Root powder) –
- जब भी आप चित्रक का सेवन करे तो इससे पहले चिकित्सक की सलाह जरुर ले|
- गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए|
- इसकी खुराक हमेशा उचित मात्रा में ही लेना चाहिए|
- अगर आप किसी भी बीमारी से ग्रस्त है तो आपको इसका सेवन चिकित्सक से सलाह लेकर ही करना चाहिए|
अगर आप अपने स्वास्थ्य से सम्बंधित और भी औषधियों के बारे में जानना चाहते है तो औषधियों की लिस्ट देखे।
Note : Picture used only for demonstration only.