कोरोना वायरस सामान्य वायरस का एक समूह है। उन्हें वायरस की सतह पर क्राउन जैसी स्पाइक्स के लिए नामित किया गया है।
कुछ कोरोनावायरस केवल जानवरों को प्रभावित करते हैं, लेकिन कुछ मनुष्यों को भी प्रभावित कर सकते हैं। कोरोनावायरस के प्रारंभिक लक्षण निमोनिया या सर्दी जुकाम से पीड़ित व्यक्ति के तरह ही होते है लेकिन धीरे धीरे ये स्थिति बद से बदतर हो जाती है।
अगर समय पर इलाज न हो तो ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी अधिक गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं क्युकी ये श्व्सन तंत्र को सबसे ज्यादा प्रभाबित करता है।
कोरोनावायरस कहाँ पैदा हुआ?
(coronavirus kaise paida hua?)
कोरोनावायरस (Coronavirus infection) को चीन के बुहान शहर से उपजा माना गया है जहाँ लोगो में चमगादड़ और सांप का सूप बहुत पसंद है। ये सांप के मांस से मानव में संचारित हुआ है। दुनिया के तमाम देशों में यह वायरस चीन से आने वाले यात्रियों के जरिए ही पहुंच रहा है।
कोरोनावायरस कैसे होता है अर्थात लक्षण क्या है (Coronavirus symptoms)?
ये बिलकुल आम सर्दी खासी की तरह फैलता है और जल्दी ही मानव शरीर के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। कोरोना वायरस की वजह से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी श्वसन तंत्र में हल्का इंफेक्शन हो जाता है
कोरोना वायरस के लक्षण
• बुखार
• सांस लेने में दिक्कत
• सर्दी-जुकाम
• खांसी और कफ
• थकान और उल्टी महसूस होना
• गला खराब
• नाक का लगातार बहना
• सिर में दर्द
• निमोनिया
• ब्रॉन्काइटिस
• ऑर्गन फेल्योर (अंगों का काम करना बंद )
कोरोनावायरस को फैलने से कैसे रोकें? (Coronavirus cure)
इस जानलेवा कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की जरूरत है। WHO ने कुछ गाइडलाइंस भी दिए हैं ताकि इस जानलेवा बीमारी को फैलने से रोका जा सके
– जिन देशों या जगहों पर इस बीमारी का प्रकोप फैला है वहां यात्रा करने से बचें
– हाथों को अच्छी तरह से धोएं और हाथों की सफाई का पूरा ध्यान रखें
– खांसी या छींकते वक्त अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढंककर रखें
– अपने हाथ और उंगलियों से आंख, नाक और मुंह को बार-बार न छूएं
– पब्लिक प्लेस, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कुछ भी छूने या किसी से हाथ मिलाने से बचें
– बीमार मरीजों की सही तरीके से मॉनिटरिंग की जाए
– रेस्पिरेटरी यानी सांस से जुड़ी बीमारी के लक्षण किसी में दिखें तो उससे दूर ही रहें
कुछ कोरोनावायरस गंभीर लक्षण पैदा कर सकते हैं। संक्रमण ब्रोंकाइटिस और निमोनिया में बदल सकता है, जब आम सर्दी जुकाम बढ़कर निम्न लक्षण देता है –
- बुखार, जो निमोनिया होने पर काफी अधिक हो सकता है
- बलगम के साथ खांसी
- साँसों की कमी
- सांस लेने और खांसने पर सीने में दर्द या जकड़न
शिशुओं और पुराने वयस्कों के दिल या फेफड़ों की बीमारियों वाले लोगों में गंभीर संक्रमण ये आम होता है और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले शिशुओं और वयस्कों में जल्दी फैलता है।
कोरोनोवायरस के संक्रमण की रोकथाम कैसे की जा सकती है? (Coronavirus Diagnosis)
कोरोनावायरस संक्रमण के लिए कोई विशिष्ट उपचार (Coronavirus Vaccine) नहीं हैं। ज्यादातर लोग अपने आप बेहतर हो जाएंगे। लेकिन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम है और इसका असर बढ़ता दिखाई दे तो इसके लिए सबसे पहले आपको अच्छे डॉक्टर से दिखाना चाहिए। फिर अपने डॉक्टर से इन लक्षणों के बारे में पूछे।
और डॉक्टर के परामर्श के अनुसार –
- शारीरिक परीक्षा (Body Checkup) करें
- रक्त परीक्षण कर सकते हैं (Blood Test )
- थूक के प्रयोगशाला परीक्षण, गले की खराबी से एक नमूना या अन्य श्वसन नमूनों का परीक्षण कर सकते हैं (Cough Test )
इन सब टेस्ट को डॉक्टर को दिखाकर सलाह ले।
कोरोनावायरस संक्रमण के लिए उपचार क्या हैं? (Corona virus Treatment)
कोरोनावायरस का अभी तक वेक्सीन नहीं बना है फिर भी कुछ उपचार डॉक्टर की सलाह के बाद किये जा सकते है। –
- दर्द, बुखार और खांसी के लिए जरुरी दवाएं लेना। हालांकि, बच्चों को एस्पिरिन न दें। और चार साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी की दवा न दें।
- गले में खराश और खांसी को कम करने में मदद करने के लिए गर्म पानी से स्नान करे।
- ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ पिए।
- गर्म पानी या गुनगुना पानी ही पिए।
- ठंठी चीज़ो से दूर रहे।
- अपने विस्तर को सुबह शाम बदले और उन्हें गर्म पानी और एंटीसेप्टिक डाल कर धोये।
क्या कोरोनावायरस संक्रमण अपने घर या परिवार में रोका जा सकता है? (Coronavirus Prevention in Homes)
अभी, मानव कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिए कोई टीके नहीं हैं। लेकिन आप संक्रमण होने या फैलने के अपने जोखिम को कम करने के लिए अपने परिवार में सभी को ये करने को जरूर कहे। –
- कम से कम 20 सेकंड के लिए अक्सर साबुन और गर्म पानी से हाथ धोये।
- अपने चेहरे, नाक या मुंह को अनचाहे हाथों से छूने से बचें।
- ऐसे लोगों से निकट संपर्क से बचना जो बीमार हैं।
- साफ़ सफाई का विशेष ख्याल रखे।
- छींक आने पर रुमाल का इस्तेमाल करे फिर रुमाल बदले और हाथ धोये।
- गर्म हवा या सिगड़ी के पास बैठे। लेकिन धुएं से बचे।
- बीमार रहने पर घर में रहे, लोगो से कम से कम सम्पर्क करे।
- घर में फर्श पर पोछा एंटीसेप्टिक डाल कर लगाए।
नोट – कृपया इसे डॉक्टर की सलाह न माने। अस्वस्थ महसूस करने पर नजदीकी हॉस्पिटल में चेक जरूर कराये।
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