आज मैं आपको एक ऐसे दुर्लभ प्रजाति के वृक्ष के बारे में बताने जा रही हूँ जो कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है| इसके अंदर कुछ तत्व ऐसे होते है जो इस बीमारी से लड़ने में सहायता करते है| इसके अलावा यह ओर भी बहुत सारी बीमारियों के इलाज के लिए प्रयोग में लाया जाता है|

जानिए दहिमन वृक्ष के बारे में

यह दुर्लभ प्रजाति का वृक्ष दहिमन का है| यह वृक्ष बहुत कम देखने को मिलता है इसके औषधीय गुणों और कम संख्या को देखते हुए .सरकार द्वारा इसे संरक्षण प्रदान किया गया है| ताकि यह वृक्ष पूरी तरह से विलुप्त न हो जाए|
तो आइए जानते है कि दहिमन का वृक्ष कैसा होता है? यह कहाँ पाया जाता है तथा कौन-कौन सी बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग में लाया जाता है?

Dahiman Ped क्या है?

कॉर्डिया मैकलोडी हुक। (Boraginaceae) को आमतौर पर “दहिमन” या “देहिपलस” के रूप में जाना जाता है। Dahiman plant का botanical नाम Cordia macleodii Hook है। एक एथ्नोमेडिसिनल प्लांट को इसके घाव भरने, कामोद्दीपक और हेपेटोप्रोटेक्टिव गतिविधियों के लिए हाइलाइट किया गया है।

दहिमन एक औषधीय गुणों से भरपूर पेड़ है| जो किसी भी प्रकार की संजीवनी बूटी से कम नहीं है क्योंकि यह कैंसर जैसी घातक बीमारी को भी ठीक कर सकती है|

दहिमन के बारे में हमारे कुछ धार्मिक ग्रंथो में भी वर्णन किया गया है और लोगों कि कुछ धार्मिक आस्थाएँ भी इस पेड़ से जुड़ी हुई है| इसलिए यह वृक्ष बहुत ही प्रभावशाली है|

Dahiman Tree की पहचान –

दहिमन वृक्ष की सबसे बड़ी पहचान यह है कि अगर इसके पत्ते पर नुकीली चीज से कुछ लिखा जाये तो वह अपने आप उभरकर सामने आ जाता है| यह एक मध्यम आकार का वृक्ष है, जिसे आदिवासियों द्वारा पनकी / शिकारी के नाम से जाना जाता है।

Dahiman Wood कहाँ पाया जाता है?

वैसे तो dahiman ka ped छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में पाया जाता है| लेकिन इसके अलावा यह सतपुड़ा के जंगल ,राजस्थान ,अमरकंटक ,पचमढ़ी में भी देखने को मिल जाता है| इन सभी जगहों पर यह वृक्ष संरक्षित है|

Dahiman Plant के विभिन्न नाम –

दही पलाश, ढेंगन, दाई वास, भोटी, पनकी या शिकारी का पेड़, तेजसागुन, देहिपलस, दहिमन, Boraginaceae, कॉर्डिया मैकलोडी हुक आदि|

Dahiman Ped के दुर्लभ होने का कारण –

“दहिमन” या “देहिपलस” में फेनोल्स, टेरानोइड्स, सैपोनिन्स, वाष्पशील तेल, फ्लेवोनोइड्स, ग्लाइकोसाइड्स सहित विभिन्न बायोएक्टिव यौगिक शामिल हैं। अंग्रेजों के समय यह वृक्ष बहुत अधिक संख्या में पाए जाते थे| क्योंकि इस वृक्ष के पत्तों की एक खासियत थी ,अगर पत्तों पर कुछ लिखा जाये तो वह उभरकर सामने आ जाता है| इसलिए इसके पत्तों का उपयोग क्रांतिकारी गुप्तचर संदेश भेजने के लिए करते थे| लेकिन जब इस बात का पता अंग्रेजों को चला तो उन्होंने इस वृक्ष को काटने का आदेश दे दिया| इसलिए दहिमन का वृक्ष केवल कुछ जगह पर ही मिलता है और लोग इसके बारे में बहुत कम जानते है|

Dahiman Chhal / Lakdi किन बीमारियों को ठीक करता है?

कैंसर, पीलिया, मानसिक रोग, मोटापा, ब्लडप्रेशर आदि|

Dahiman Tree के Fayde –

• इस वृक्ष की छाल व पत्तियों का प्रयोग कैंसर के इलाज में लिया जाता है क्योंकि दहिमन की छाल में Ethanolic Extracts पाया जाता है जो बैक्टीरिया व फंफूद को रोकता है| जो कि एक प्रकार का एंटी कैंसर तत्व होता है|

• घाव हो जाने पर इसकी पत्तों को पीसकर लेप लगाने से घाव जल्द सुख जाता है|

• अगर चोट लगने पर अधिक खून बह रहा हो तो इसके पत्तों का लेप बनाकर लगाने से खून बहना बंद हो जाता है|

• लीवर में सूजन होने पर इसकी छाल का चूर्ण बनाकर उसका सेवन करे तो सूजन कम हो जाएगी|

• पीलिया होने पर इसकी छाल के चूर्ण का सेवन प्रतिदिन करे तो पीलिया में आराम मिलेगा क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है और पीलिया गर्मी बढ़ने के कारण होता है|

• अगर आप मोटापे से ग्रस्त है तो इसके पत्तों का चूर्ण लेकर उसमे नीबूं मिलाकर एक माह तक सेवन करे तो मोटापा कम हो जाएगा|

• मानसिक रोग से ग्रस्त व्यक्ति अगर इसके पत्ते का चूर्ण बनाकर उसका सेवन करे तो मानसिक रोग ठीक हो जाता है|

• जिन्हें ब्लडप्रेशर है अगर में इसकी पत्तियों के चूर्ण का सेवन करे तो आराम मिलेगा|

• जो लोग शराब की लत से परेशान है वे अगर इसके पत्तों के रस का सेवन कुछ समय तक करे तो उनकी यह लत छुट जाती है|

• इसकी पत्तियों का रस सर्पदंश व नशा भी उतार सकता है|

दहिमन के वृक्ष से जुड़ी मान्यताएं –

छत्तीसगढ़ के लोगों कि दहिमन के वृक्ष से जुड़ी बहुत सारी मान्यताएं भी है| जैसे –

• लोगों का मानना है कि dahiman ki lakdi को अपने पास रखने से सांप पास में नहीं आता है|

• मान्यता है कि जिस घर में शराब बन रही है उस जगह पर अगर इसके पेड़ की डंगाल रख दी जाए तो शराब नहीं पकती है|

• मान्यता तो यह भी है कि अगर इसके पेड़ के नीचे बैठकर शराब पी जाये तो नशा नहीं होता है|

• मान्यता है कि अगर इसके पेड़ की छांव में बैठा जाये तो सारा तनाव दूर हो जाता है|

वैज्ञानिकों द्वारा Dahiman plant को लेकर रिसर्च चल रही है कि यह ओर किन-किन बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग में लाया जा सकता है|

वन विभाग इसके संरक्षण के साथ-साथ , dahiman ka paudha अधिक से अधिक संख्या में लगाने का कार्य भी कर रही है ताकि इसे नष्ट होने से बचाया जा सके और यह हमें अपने औषधीय गुणों से लाभ पहुंचाता रहे|


FAQs –

दहिमन का पेड़ कहां मिलेगा

इस दुर्लभ जाति के पेड़ को छत्तीसगढ़ के कोरिया, सतपुड़ा के जंगल, अमरकंटक , और पचमढ़ी में पाया जाता है।

दहिमन का बीज कहां मिलेगा

इस दुर्लभ जाति के पेड़ को छत्तीसगढ़ के कोरिया, सतपुड़ा के जंगल, अमरकंटक , और पचमढ़ी में पाया जाता है।

दहिमन का फल कैसा होता है

यह दिखने में आँवला के फल की तरह होता है।

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