अगर आप खुद का व्यापार शुरू करना चाहते है तो आप मछली पालन का व्यापार शुरू कर सकते है | क्योकि इस व्यापार में कमाई भी ज्यादा है और इसे कम पैसे में शुरू भी किया जा सकता है | इसके लिए आपके पास थोड़ी सी जमीन और इस काम का अनुभव होना चाहिए |

इस काम का अनुभव है लेकिन इसे शुरू करने के लिए अगर आपके पास पूंजी नहीं है तो भी चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योकि भारत सरकार इसके लिए कम ब्याज दर पर लोन भी देती है | तो चलिए जानते है इस व्यापार से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी fish farming in hindi,जो आपको मछली पालन करने में help करेगी |

मछली का पालन और देखभाल कैसे करे?

मछली पालन या फिश फार्मिंग में मछली या मछली के बच्चो को पालकर बढ़ा करते है ताकि उसे अच्छे दामों में मार्केट में बेचकर मुनाफा कमा सके |

इसके लिए आपके पास तालाब होना चाहिए ,लेकिन अगर तालाब नहीं है तो आप कृतिम तालाब का निर्माण भी कर सकते है | तालाब का निर्माण इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने बड़े स्तर पर मछली पालन करना चाहते है| जैसे आप कम संख्या में मछली पालन करते है तो छोटे तालाब का निर्माण करे ,लेकिन अगर आप बड़ी संख्या में मछली पालन करना चाहते है तो बड़े तालाब का निर्माण करे |

जब आप तालाब का निर्माण कर ले तो इसमे ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव जरूर करे | ऐसा करने से मछली को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े नष्ट हो जाते है |
अगर आप जमीन पर तालाब नहीं बनाना चाहते है तो आप प्लास्टिक के बड़े-बड़े टैंको में भी मछली को रख सकते है |

हम किसी भी प्रजाति की मछली का पालन कर सकते है लेकिन मछली के अच्छे विकास के लिए हमें निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे –

  • गर्मियों के शुरुआत में मछली पालन करे क्योकि ठंडे मौसम में मछली का आकार धीमी गति से बढ़ता है |
  • मछली को हमेशा ताजा व पौष्टिक भोजन समय-समय पर दे ताकि मछली जल्दी से विकसित हो सके |
  • तालाब या टैंक के वातावरण को साफ-सुथरा रखे |
  • तालाब या टैंक का पानी समय-समय पर change करते रहे |
  • मछली के जल्दी विकास के लिए तालाब के पानी व मिटटी के PH मान की जाँच जरूर करानी चाहिए |
  • मछली को रोगमुक्त रखने के लिए तालाब या टैंक में पोटेशियम परमैंगनेट के घोल या नमक या रसायन आदि को डालें|
  • अगर आप तालाब में मछली पालन कर रहे है तो अन्य जीव जैसे सांप या मेढ़क से मछली को सुरक्षित रखे |
  • तालाब के आसपास ज्यादा खरपतवार नहीं जमा होने देना चाहिए |

इसके अलावा आप मछली पालन समुद्र, नदी, झील आदि के अंदर भी कर सकते है |

मछली पालन के लिए लोन कैसे मिलता है?

मछली पालन के लिए लोन कोई भी बैंक प्रदान कर सकती है ,लेकिन इसके लिए आपके पास कुछ जरुरी डॉक्यूमेंटहोमा चाहिए जैसे-पहचानपत्र ,एड्रेस प्रूफ ,मछली पालन का अनुभव प्रमाणपत्र ,फिश फार्मिंग की प्रोजेक्ट रिपोर्ट आदि |

जैसे अगर आप 1 हेक्टेयर भूमि में तालाब बनवाना चाहते है तो आपको लगभग 5 लाख तक का खर्चा आएगा ,जिसमे से नीली क्रांति के तहत कुल निवेश की 50% राशि केंद्र सरकार और 25% राशि राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी | आपको केवल 25% राशि ही खर्च करना पड़ेगी जबकि कुल निवेश का 75% लोन आपको मिल जायेगा |

मछली पालन की ट्रेनिंग कैसे मिलती है?

अगर आप मछली पालन की ट्रेनिंग लेना चाहते है तो दो प्रकार के कोर्स उपलब्ध है | पहला है A to Z basic fish farming training course जिसमे आप छोटे स्तर पर मछली पालन करने की ट्रेनिंग लेते है | लेकिन अगर आप मछली पालन का व्यवसाय बड़े स्तर पर करना चाहते है तो आपको 0 to 1 complete fish farming training course करना चाहिए ,जिसमे मछली पालन की छोटे से लेकर बड़ी जानकारी दी जाती है | यह ट्रेनिंग ऑनलाइन भी दी जाती है जिसके लिए आपको रूपये खर्च करना पड़ते है |

लेकिन अगर आप फ्री में ट्रेनिंग लेना चाहते है तो सरकार भी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए फ्री में ट्रेनिंग देती है | इसके लिए आप अपने पास के मछली पालन विभाग से कांटेक्ट कर सकते है वहां पर आपको इसकी पूरी जानकारी मिल जाती है |

किस प्रजाति की मछली का पालन कर सकते है?

वैसे तो दुनियाभर में मछली की बहुत सारी प्रजातियां होती है लेकिन हम भारत में पायी जाने वाली प्रजाति जैसे – रोहू ,मुर्रेल ,ग्रास कार्प ,हिलसा ,भाकुर या कतला ,कैटफिश ,सैल्मन ,तिलपीअ की बात करते है | यह मछलियां ज्यादातर फिश फार्मिंग में पाली जाती है क्योकि यह वातावरण के अनुकूल खुद को ढाल लेती है | इसमें कतला सबसे अधिक तेजी से बढ़ने वाली मछली है जो कि गंगा नदी तट की प्रमुख प्रजाति मानी जाती है

मछली को आहार क्या दे?

मछली को जो भी आहार दिया जाता है उसमे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, मिनिरल्स, विटामिन उचित मात्रा में होना चाहिए | आप चाहे तो मछली के आहार को स्वयं भी तैयार कर सकते है, ऐसा करने से आपका मछली को फीड करने का खर्चा कम हो जाता है |

मछली के आहार को तैयार करने के लिए आप –

  • सरसों की खली
  • गफली की खली
  • कॉटन सीड आयल केक
  • राइस ब्राइन
  • मक्के का आटा
  • मिनिरल मिक्चर
  • विटामिन प्रीमिक्स आदि लेते है |

जैसे आप मछली का आहार तैयार करते है तो मूंगफली की खली और राईस ब्राइन की 1 अनुपात 2 की मात्रा ली जाती है और इसमें आप 1 mg प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिनिरल और विटामिन प्रीमिक्स मिलाये और इन सब को अच्छे से मिक्स कर ले और इसे मछली को खिलाये ,क्योकि इस तैयार आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा , मिनिरल्स, विटामिन उचित मात्रा में मौजूद होते है | इसी प्रकार आप मूंगफली की खली की जगह सरसों की खली या कॉटन सीड आयल केक को लेकर भी आहार तैयार कर सकते है |

अगरआप मछली को घर का तैयार आहार नहीं देना चाहते है तो बाजार में भी मछली को फीड कराने वाला भोजन उपलब्ध होता है | जिसमे यह सभी चीजे उचित मात्रा में उपलब्ध होती है | मछली को दिन में आहार 2 से 4 बार देना चाहिए|

मछली बाजार में बेचने के लिए कितने समय में तैयार हो जाती है?

जब आप किसी भी मछली का सीड तालाब या टैंक में डालते है तो वह मछली कम से कम 8 से 9 माह में बेचने के लिए तैयार हो जाती है | मछली का बढ़ना उसकी प्रजाति पर भी निर्भर करता है क्योकि कई प्रजाति की मछलियां जल्दी बढ़ी होती है और कुछ प्रजाति की मछलियाँ देर से बढ़ी होती है | लेकिन अगर हम इनके आहार का विशेष ध्यान रखे तो यह मछलियाँ जल्दी ही तैयार ह जाती है |

इनकी फसल तैयार हो उससे पहले ही आपको इसकी मार्केटिंग शुरू कर देना चाहिए, ताकि इन्हे बेचने में आसानी हो | अपने आसपास के होटल और दुकानदारों से कांटेक्ट करना चाहिए और उन्हें अपनी सर्विस के बारे में बताना चाहिए | आप चाहे तो इन्हे बाजार में जाकर भी बेच सकते है क्योकि मछली की माँग देश व विदेश सभी जगह बहुत ज्यादा होती है और इससे आपको मुनाफा भी अधिक होता है |

मछली पालन से होने वाले लाभ –

  • मछली पालन को कम लागात लगाकर शुरू किया जा सकता है |
  • इस व्यवसाय में मुनाफा अधिक होता है क्योकि इसका निर्यात विदेशों में भी होता है |
  • इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए 75% का लोन आसानी से मिल जाता है |
  • इसकी ट्रेनिंग सरकार द्वारा मुफ्त दी जाती है |
  • इस व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई सारी सरकारी योजनाएं चलाई जा रही है |

जिस जगह पर आप मछली पालन करना चाहते है उस जगह की मिटटी व पानी की जाँच फ्री की जाती है कि इसमें मछली का पालन किया जा सकता है या फिर नहीं |
अगर आप चाहे तो घर पर ही मछली का फीड तैयार करके उसके आहार में खर्च होने वाली पूंजी को कम कर सकते है क्योकि बाजार में जो फीड मिलता है उसकी कीमत ज्यादा होती है |

अगर आपके आसपास नदी, झील, तालाब या समुद्र है तो आप बहुत ही कम पैसे में मछली पालन कर सकते हो क्योकि आपके तालाब या टैंक के निर्माण का खर्चा बच जाता है |

अगर आप मछली पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहते है तो सबसे पहले उसका पंजीकरण जरूर करवाएं ,इसके लिए आपको एमएसएमआई मंत्रालय के किसी भी कार्यालय में जाकर आवेदन देना होता है और अपने सरे डॉक्यूमेंट देने होते है | जब आपका व्यवसाय पंजीकृत हो जाता है तो आपको पंजीयन नंबर दिया जाता है जिसकी हेल्प से आपको लोन आसानी से मिल जाता है |

तो इस प्रकार आप मछली पालन के व्यवसाय को शुरू कर पाते है | अगर किसी व्यक्ति के पास मछली पालन का अनुभव नहीं है तो वह मत्स्य विभाग से संपर्क करके 15 दिन की टैनिंग ले सकता है | इसके अलावा भी मछली पालन से सम्बंधित बहुत सी जानकारी और योजना की जानकारी भी इस विभाग से प्राप्त की जा सकती है |

अगर आपके पास जमीन है छोटा मोटा तालाब या ज़मीन है और मछली पालन करना चाहते है तो सरकार द्वारा चलायी जा रही मत्स्य पालन योजना के बारे में भी पढ़े इससे आपको एक दम क्लियर हो जायेगा की क्या और कैसे करना है। इसके लिए आप टैंक में मछली पालन या छोटे तालाब में मछली पालन भी कर सकते है।

अगर आप इस धंधे में सफल हो जाते है तो अपनी स्टोरी हमें जरूर बताये जिसे हम यहाँ (Your Story Section) में पोस्ट करेंगे, इससे आपके फार्म या बिज़नेस की जानकारी दूसरे लोगो को होगी वो आपको बिज़नेस के लिए संपर्क करेंगे, और अन्य लोग आपसे प्रेरित होकर आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करेंगे। अपने मछली फार्मिंग के बिज़नेस की ऑनलाइन वेबसाइट बनवाना न भूले। वो भी बिलकुल सस्ते में। ताकि आप जुड़े रहे देश और दुनियाँ से।

आपको ये Fish farming (मछली पालन) जानकारी कैसी लगी, कृपया कमेंट के माध्यम से अवश्य बताये और हमारा उत्साह बढाए।


सम्बंधित प्रश्न –

 

मछली का पालन कैसे करें?

इसकी जानकारी हमने ऊपर विस्तार से दे रखी है फिर भी पॉइंट में दुबारा समझे –

1. तालाब की तैयारी
2. मछली उत्पादन के लिए अच्छी किस्म चुने
३. मछली के लिए खाद / भोजन पता करे और उसकी व्यवस्था करे।
४. मछली बेंचने के लिए बाज़ार खोजे

कौन सी मछली जल्दी बढ़ती है?

कतला एक सबसे तेज बढ़ने वाली मछली है, तो वही रोहू सबसे पसंदीदा मछली है।

मछली पालने के लिए तालाब कितना गहरा होना चाहिए?

मत्स्य पालन में तालाब की गहराई कम से कम 6 फुट होनी चाहिए । जिसमें पानी का स्तर 5-1/2′ तक रखा जाता है।

मछली कितने दिन में तैयार होती है? कौन सी मछली जल्दी तैयार होती है?

टैंक में मछली बीज डालने के 25-30 दिन बाद फसल तैयार हो जाती है कतला एक प्रसिद्ध और जल्दी बढ़ने वाली कार्प है। यह प्रकृति में गैर-हिंसक होती है।

छोटी जगह में मछली पालन कैसे करें?

मछली उत्पादन आप पोखर, गड्‌ढे, छोटा टैंक बनवाकर भी शुरू कर सकते है। पोखरों में पशु गोबर, गोबर गैस स्लरी आदि जैविक उत्पादों का उपयोग करना आवश्यक है।

मछली पालन में कितना फायदा है?

एक औसत अनुमान से एक हेक्टेयर खेत में तालाब बनाकर मछली पालन करने से लगभग ढाई लाख रुपये की सालाना आय की जा सकती है। जो किसी भी साधारण फसल से कही ज्यादा है।

कम जगह में मछली पालन कैसे करें?

बायोफ्लॉक तकनीक के माध्यम से किसान बिना तालाब की खुदाई किए एक टैंक में भी मछली पालन कर सकते है। यह कम लागत और सीमित जगह में अधिक उत्पादन देने वाली तकनीकी है, जल्दी ही इसके बारे में एक नयी पोस्ट लिखेंगे।

मछली का मुख्य भोजन क्या है? मछली को क्या पसंद है?

मछलियों को केंचुए खाना बहुत पसंद होता है। यह पेट भरने वाला भी होता है। अगर आप खुद बाजार जा कर इन्‍हें नहीं ला सकते, तो इन्‍हें अपने बगीचे में ही पैदा कर लें। अधिकांश मछलियाँ मांसाहारी भोजन खाना पसंद करती हैं, जैसे की झींगा, केंचुए आदि ( लेकिन चिकन और पोर्क का सख्त मांस नहीं!)

मछली का बीज कितने रुपए किलो मिलता है?

यह मछली के बीज के किस्म पर निर्भर करता है फिर यह आपको 80 से 125 रुपए किलो से मिल सकता है।

एक एकड़ तालाब में मछली के कितने जीरा / अंडे / बच्चे डालें?

अगर बड़े आकार के जीरा उपलब्ध हो (3 इंच) तो 4000 मछली का जीरा एक एकड़ तालाब के लिए काफी है।

रोहू मछली क्या खाती है?

यह आमतौर पर पानी के गले- सड़े नदीन, बचे- खुचे पदार्थ, केंचुए, झींगा इत्यादि आदि खाती है। मॉनसून के मौसम के दौरान रोहू मछली वर्ष में एक बार अंडे देती है।

कम लागत में मछली पालन कैसे करें?

एक एकड़ तालाब में 15 से 20 हजार मछली डाल सकते है। इसमें में करीब 60 लाख लीटर पानी होता है। अगर तालाब में 20 हजार मछली डाली हैं तो एक मछली को 300 लीटर पानी में रखा जाता है।

मछली पालन कौन से महीने में किया जाता है?

तालाब का सुधार कार्य माह अप्रैल व मई तक अवश्य करा लेना चाहिए जिससे मत्स्य पालन करने हेतु समय मिल सके। मॉनसून के मौसम के दौरान ज्यादातर मछली वर्ष में एक बार अंडे देती है।

मछली एक बार में कितना अंडा देती है?

ये मछलियों की किस्म पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए मादा सनफिश की लंबाई औसतन 4 फीट होती है, लेकिन यह 30 करोड़ तक अंडे एक बार में देती है। यह जानकर और आश्चर्य होगा कि जब अंडे से बच्चे निकलते हैं तो वे इतने छोटे होते हैं कि 60 करोड़ गुना तक बड़े हो सकते हैं। इन मछली की उम्र औसतन 10 साल तक की होती है।

मछली का बीज क्या होता है?

मछलियाँ बारिश में नदी, तालाबों इत्यादि जलाशयों में प्रजनन करती हैं। इस दौरान इन जलाशयों में इनके लाखों की तादाद में अंडे निषेचित होते हैं, जिनसे मछलियों के बच्चे बाहर निकल आते हैं

मछली पालन के लिए तालाब का निर्माण कैसे करें?

तालाब की गहराई 1.5 से 2.0 मीटर होनी चाहिए, इससे अधिक गहराई मछली पालन पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है. तालाब का आकार आयताकार होना अधिक उपयुक्त है. जहाँ रेतीली मिट्टी हो वहॉ तालाब का पक्का पैंदे का बनाना आवश्यक है, तालाब की गहराई 3-4 फीट रखनी चाहिए परन्तु जहाँ बरसात के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है वहाँ तालाब की गहराई 10-11 फीट किया जा सकता है। ताकि पानी ख़त्म न हो।

मछली पालन के लिए कितना जमीन चाहिए?

मछली पालक कम से कम 0.2 हेक्टेयर के तालाब मछली पालन की शुरुआत कर सकते हैं। 0.2 हेक्टेयर का तालाब बनाने में करीब 70 से 80 हजार रुपए का खर्चा आता है।

मत्स्य बीज खरीदते समय क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए?

मछली पालन का कार्य आरंभ करने के पूर्व पानी के रंग और उसकी पारदर्शिता का परीक्षण कर लेना आवश्यक होता है। नहीं तो सारा बीज ख़राब हो जायेगा।

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