आप अगर मूवी का Review आप देश की बुद्धिजीवी समझी जानी वाली वेबसाइट और रिव्यु देने वाले लोगो के रिव्यु पढ़ेंगे तो वे आपके सामने एक्सपोज़ से हो जाएंगे। क्युकी ज्यादातर लोगो ने एक धुन में Gadar 2 मूवी को outdated बताया था। अर्थात उनके हिसाब से Gadar 2 मूवी को 2050 साल के हिसाब से बननी चाहिए थी। शायद वे कहना चाहते होंगे कि तारा सिंह का बेटा 2047 में पाकिस्तान जाता जब 2047 में भारत को हरा करने का प्लान सफल हो जाता।
समस्या कहा थी? –
समस्या कही नहीं थी बस जो लोग अब तक करते आ रहे थे वही उन्होंने किया। जैसे कि –
- अगर हिन्दू धर्म में भेष बनाकर छिपा कोई बहरूपियाँ कांड करे तो पूरे हिन्दू धर्म को मीडिया कोसने लगती है। धर्म को धंधा बता देती है।
- हिन्दू धर्म में अगर कोई सिद्द पुरुष किसी भी प्रकार की कोई सिद्दी इत्यादि की बात भी करता है तो अंध विश्वास कहते है, अन्य में ये श्रद्धा और आस्था जैसे शब्द इस्तेमाल करते है।
- हिन्दू धर्म में ये लोग ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और सूद्र के बारे में अन्य धर्म वालो को पता होगा लेकिन अन्य धर्म की जातियों के बारे में ये लोग नहीं बोलते।
कहना क्या चाहते हो? –
कहने का सिर्फ इतना अर्थ है कि मूवी में काफ़िर शब्द का इस्तेमाल पहले वाली ग़दर movie से और स्पष्ट तरीके से किया गया है।
अगर इसकी जगह ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और सूद्र या हिन्दू जातियों में से किसी का कोई नाम, या हिन्दुओं को नीचा दिखाने वाला कोई बहाना या नाम होता तो ये रिव्यु देने वाले लोग ऑस्कर दिलवाने पहुंच जाते।
जब इस प्रकार के कृत्यों का आभास होता है तो हृदय से अनायास ही निकल पड़ता है कि Gadar 2 Review का करने वाले, कुछ लोगो को अपना स्वयं का रिव्यु करना चाहिए, अर्थात आत्मचिंतन अवश्य करना चाहिए ।
डिस्क्लेमर – यह एक व्यक्तिगत ब्लॉग पोस्ट है जो स्वयं के मन के विचार है। इसका किसी धर्म, जाति, व्यापार, और व्यक्ति इत्यादि से कोई लेना देना नहीं है।
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