पूत कपूत तो क्यो धन संचय, पूत सपूत तो क्यो धन संचे का अर्थ
“पूत कपूत तो क्यो धन संचे, पूत सपूत तो क्यो धन संचे” (poot kaput to kyon dhan sanchay) का अर्थ – ये हिंदी की प्राचीन समय से चली आ रही…
“पूत कपूत तो क्यो धन संचे, पूत सपूत तो क्यो धन संचे” (poot kaput to kyon dhan sanchay) का अर्थ – ये हिंदी की प्राचीन समय से चली आ रही…
सामाजिक जीवन में जाति व्यवस्था के अनुसार, निम्न जाति समझी जानेवाली जाति में जन्में संत रविदास को उनके विचारों और शब्दों ( रविदास के दोहे, रविदास के भजन, रविदास के…