आज हम आपके लिए एक नई जड़ी-बूटी की जानकारी लेकर आए है जिसका उपयोग प्राचीनकाल से ही आयुर्वेदिक दवाई के रूप में होता आ रहा है| उस जड़ी-बूटी का नाम इन्द्रायण है| जाने इन्द्रायण फल के फायदे –

Indrayan plant के फल व जड़ का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है| इसकी तीन प्रजातियां होती है|

1. छोटी इन्द्रायण
2. बड़ी इन्द्रायण
3. जंगली इन्द्रायण

इन सभी प्रजातियों का उपयोग किसी न किसी बीमारी के उपचार के लिए किया जाता है| इन्द्रायण का पौधा मध्य ,पश्चिमोत्तर व दक्षिण भारत ,अफ्रीका ,अरब और पश्चिम एशिया में पाया जाता है|

इन्द्रायण का पौधा कैसा होता है?

Indrayan ka botanical naam “ Citrullus colocynthis “ है| इसकी बेल भूमि पर चारों-और फैली होती है| इसके पत्ते तरबूज के पत्ते के सामान तथा फूल नर व मादा दोनों प्रकार के होते है|

इन्द्रायण फल कैसा होता है?

इन्द्रायण का फल हरे रंग का सफेद धारियों वाला होता है जो पकने के बाद पीला हो जाता है|

Indrayan ke beej भूरे ,चिकने ,लंबे ,चपटे ,गोल व चमकदार होते है| Indrayan ka paudha स्वाद में कड़वा होता है| इसके अन्दर बहुत से पोषक तत्व पाए जाते है जो अनेक रोगों के उपचार में फायदेमंद होते है|

इन्द्रायण के विभिन्न नाम –

Indrayan jadi buti को अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नाम से बुलाते है जैसे – चित्रा ,इंद्रक ,गोरुम्ब ,गवादनी ,वारुणी ,हामेक्के ,तुम्बा ,वेरीपुच्चा ,मकहल ,कौरतुम्बा ,पेकोमुत्ती ,हंजल आदि|

Indrayan का चूर्ण बनाने की विधि –

Indrayan Ayurvedic Medicine – इन्द्रायण का चूर्ण बनाने की विधि बड़ी आसान है। इन्द्रायण के फल (indrayan fruit) और इन्द्रायण की जड़ का उपयोग (indrayan mool benefits) को आप सूर्य की रौशनी में सुखा ले। उसके बाद इसे पीसकर बारीक़ चूर्ण बना ले। ध्यान रहे दोनों को मिक्स या मिलाना नहीं है। इन्द्रायण चूर्ण का प्रयोग अन्य तेल के साथ किया जाता है जैसे आवला तेल, तिल का तेल, अरंडी का तेल इत्यादि।

इन्द्रायण का तेल बनाने की विधि –

इन्द्रायण का तेल (indrayan oil for hair), इंद्रायण के बीज से निकाला जाता है। अगर आपके पास पोर्टेबल कोल्हू है तो उसका इस्तेमाल करके निकाल सकते है। क्युकी इन्द्रायण तेल के फायदे बहुत ज्यादा होते है। इसलिए इन्द्रायण के बीज का तेल Price हमेशा अच्छा बना रहता है।

इन्द्रायण फल के फायदे और नुकसान –

अब जानते है कि इन्द्रायण (kachariya) का उपयोग औषधि के रूप में कैसे किया जाता है और इससे आपको क्या-क्या इन्द्रायण के फायदे / इन्द्रायण फल के नुकसान हो सकते है –

• अगर आपके सिर में दर्द है तो इसकी जड़ की छाल (indrayan vati) को तिल के तेल में उबालकर ,अच्छे से मालिश करने से आराम मिलता है|

• कान में घाव हो जाने पर बड़ी इन्द्रायण के फल को बारीक पीसकर ,उसे नारियल तेल के साथ गर्म करके गुनगुना कान में डाले तो घाव ठीक हो जायेगा|

• अगर किसी को साँस से संबंधित बीमारी है तो इसके फल को सुखकर उसे चिलम में रखकर पीने से साँस लेने में परेशानी नहीं होती है|

• पेट में कीड़े हो जाने पर ,इसके फल के गुदे को पीसकर गर्म करके गुनगुना पेट पर रखे तो कीड़े मर जायेंगे|

• अगर दांतों में कीड़े के कारण दर्द हो तो इसके पके फल की धुनी लेने से कीड़े मर जायेंगे|

• किसी भी कारण से स्तनों में सूजन आ जाए तो इसकी जड़ो को पीसकर उसका लेप स्तनों पर लगाने से सूजन कम हो जाएगी|

• नाक में फुंसी हो जाने पर इसके फल को पीसकर नारियल तेल के साथ लगाने से आराम मिलता है|

• बिच्छु के काटने पर इसके फल का सेवन करने से दर्द व जलन कम होती है|

• हाथ या पैर में सूजन आ जाए तो इसकी जड़ो को सिरके में पीसकर लेप बना ले और उसे गर्म करके गुनगुना सूजन पर लगाने से सूजन कम हो जाती है|

• शरीर में खुजली होने पर ,इसके फल का लेप बनाकर लगाने से खुजली में आराम मिलता है|

• सफेद बालों की समस्या होने पर इन्द्रायण के बीज का तेल को सिर पर लगाने से सफेद बाल धीरे-धीरे काले होने लगते है|

कहाँ से प्राप्त करे –

आजकल ज्यादातर जरुरत की चीज़े ऑनलाइन भी मिलने लगी है। Indrayan Phal और इन्द्रायण फल (गड्तुम्बा) फल को आप Amazon से भी प्राप्त कर सकते है।

तो दोस्तों आप लोगों ने देखा इन्द्रायण फल के फायदे, indrayan ki jad ke fayde और indrayan ka tel कितना फायदेमंद होता है अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों में जरुर share करे ताकि हमारे आसपास जो औषधीय पौधे है| उनके बारे में लोग ज्यादा से ज्यादा जानकर उसके औषधीय गुणों का लाभ उठा सके|

ऐसी जानकारियों या Hindi me Advice के लिए Hindi Hai वेबसाइट पर समय समय पर आते रहे।

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Disclaimer – लेकिन हमें इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरुर ले लेना चाहिए ,ताकि इससे आपको किसी भी तरह का नुकसान न हो| गर्भवती महिलाओं ,बच्चों और किसी भी गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को इसका सेवन नहीं करना चाहिए| लेकिन आप चाहे तो इसका बाहरी उपयोग कर सकते है| इसलिए दी गयी जानकारी सिर्फ सामान्य ज्ञान के लिए है इसका उपचार में कोई महत्त्व नहीं है। वैद्य से पूछकर ही कोई कार्य करे।


 

FAQs –

What is Indrayana in Ayurveda?

Indrayana is an Ayurvedic medicine, which is legally used in various types of animals.

What is the Indrayana plant like?

It has a bull which is found in Creecher Mountain, Wilderness Sharpness. You can also search for it in emails.

How is Citrullus Colocynthis species used?

It is used in many places.

अपनी खुद की वेबसाइट कैसे बनाएं / खुद की वेबसाइट कैसे बनाये

अपनी खुद की वेबसाइट बनाने के लिए ये चरणों का पालन करें –

  • डोमेन नाम चुनें और रजिस्टर करें।
  • वेब होस्टिंग खरीदें।
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  • टेम्पलेट चुनें और डिज़ाइन करें।
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