भारत में वृक्षों की संख्या लगातार घटती जा रही और बहुत ही चिंता की बात है. पर आप दिल से सोचो, आप चाहे कितने भी बड़े शहर ये कस्वे में रहते हो. अगर आपका शहर में ऐसा हो की कोई भी खाली जगह न बचे, हर जगह पेड़ ही पेड़ हो, सब कुछ हरा भरा हो.तो आपको कैसे लगेगा. तो इसके लिए आपको ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे चाहे आप गांव में रहते हो, शहर में या कश्वे में.
अब आपके या हमारे पास टाइम तो होता नहीं, समय अगर होता है तो हम स्वार्थी लोग ये सोचते है की इससे हमें क्या फायदा. तो ये प्रॉब्लम कैसे हल हो. मेरे पास एक सुझाव है. और मुझे ये भी आशा है की इन सुझावों का कोई भी विरोध नहीं करेगा क्युकी सवाल आने वाली पीढ़ी का है. मुझे लगता है वो इंसान, इंसान नहीं है जिसका नाम इतिहास में न हो. और आप अपने इतिहास और आने वाली पीढ़ी के लिए ये जरूर करेंगे. सरकार कुछ करे या न करे.
मेरे हिसाव से क्यों न भारत सरकार द्वारा ये जरुरी कर दिया जाये की Ped Kaise Lagaye :
सुझाव संख्या :1
जो आदमी जितने पेड़ लगाएगा, उसे 50 साल बाद उतने हजार या रुपये की पेंशन मिलेगी.
शर्ते:
- उस व्यक्ति की 50 साल की उम्र में पेड़ों की उम्र कम से कम 5 साल होनी ही चाहिए.
- सभी पेड़ों का नगरपालिका में रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ रजिस्ट्रेशन होना चाहिए.
- सभी पेड़ों पर व्यक्ति के नाम के साथ रजिस्ट्रेशन नंबर की प्लेट होनी चाहिए. ताकि आने वाली पीढ़ी को बता सके की वो व्यक्ति इस धरती पर था, और उसके न रहने पर भी उसका नाम ज़िंदा है.
- लगाने वाले पेड़ फलों के, या छायादार ही होने चाहिए.
- अगर कोई व्यक्ति किसी के पेड़ को नुकसान पहुंचता है तो जितने पेड़ों को नुकसान पहुंचाया है उतने ही हज़ार उसको हर महीने जुरमाना भरना पड़ेगा जब तक जीवित रहेगा.
- पेड़ों पर लगने वाले फलों, लकड़ी इत्यादि पर अधिकार सरकार का होगा.
सुझाव संख्या :2
भारत के सारे स्कूल में जरुरी कर दिया जाये की महीने में दो शनिवार (1 or 3) को सारे विद्यार्थी स्कूल द्वारा अपने अपने नाम का पेड़ लगाने जायेगे. और उसका रजिस्ट्रेशन नगरपालिका में करवाएंगे. जिसका फायदा सरकार द्वारा किसी न किसी रूप में विद्यार्थी को जीवन भर मिलाता रहे.
शर्ते Podho ki Dekhbhal –
- एक विद्यार्थी कम से कम दो पेड़ लगाएगा और फिर क्रमश आने वाले शनिवार को देखभाल करने के लिए जायेगा.
- अगर पेड़ किसी कारणवश सुख जाता है या नस्ट हो जाता है तो आने वाले शनिवार को फिर से लगाएगा. और फिर से देखभाल करेगा.
लगाने वाले पेड़ फलों के ही होने चाहिए. - सभी पेड़ों पर विद्यार्थी के नाम के साथ रजिस्ट्रेशन नंबर की प्लेट होनी चाहिए. ताकि आने वाली पीढ़ी को बता सके की वो उसका पेड़ है
- सभी पेड़ों पर किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं होगा, उसपर अधिकार सिर्फ सरकार का होगा. वो पेड़ एक वोटरकार्ड की तरह ID कार्ड है.
- वृक्षों पर लगने वाले फलों पर अधिकार नगरपालिका का होगा, जिसे बेचकर सरकार व्यक्ति की पेंशन के लिए पैसे जुटाएगी.
- अगर विद्यार्थी अपने पेड़ को जीवित रखने में कामयाव हो जाता है तो सरकार द्वारा आरक्षण या पेंशन का हक़दार माना जाये.
अब आपके मन में आ रहा होगा की इतनी जमीन कहा से आएगी वो भी में बताता हु.
हर गांव या शहर में बहुत सी रोड होती है, बस रोड के दोनों तरफ की जगह या बड़े बड़े हाईवे के दोनों तरफ वृक्षों के लिए जमीन आरक्षित होनी चाहिए.
अगर रोड या गली के लिए जगह निकाली जा सकती है तो फिर वृक्षों के लिए क्यों नहीं, रोड चाहे छोटी हो या बड़ी दोनों तरफ इस तरीके से पेड़ लगाए जाये की सारा विश्व इसे देखने के लिए लोग भारत में आये.
मुझे आशा है की सरकार इन सुझावों पर ध्यान देगी तथा पर्यावरण विद्वानों से सलाह लेकर उचित नियम बनाए जायेगे. ताकि किसी को परेशानी न हो.
इसके लिए मेने भी सोचा है की एक पेड़ तो जरूर लञउंगा किसी हाईवे या अपनी गली में जिसका नाम मेरे नाम से जुड़ेगा. जल्दी उसकी जानकारी यहाँ डालूंगा. आप सबसे निवेदन है की अगर आप इन सुझावों के साथ अपना सुझाव भी जोड़ना चाहते है तो हमें जरूर बताये.
जिस दिन आप स्वयं किसी वृक्ष को लगाने वाले मनुष्य बनेगे उस दिन आपको हर वृक्ष पारिजात और कल्प वृक्ष के समान ही लगेगा। और उससे मिलने वाला आनंद और सुःख भी पारिजात या कल्प वृक्ष से मिलने वाले आनंद के समान होगा।
ऐसी जानकारियों या Hindi me Advice के लिए Hindi Hai वेबसाइट पर समय समय पर आते रहे।
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