Meaning of Nirgundi in Hindi – हमारे भारत देश में औषधीय पौधों को सर्व गुणकारी कहा जाता है| हमारे पूर्वजो की हजारो सालो की खोज ही है जिसने हमारी आयुर्वेदिक पध्दति को लाभकारी सिद्ध किया है| लोगो की परेशानी को आयुर्वेदिक दवाइयों से ठीक करना आसान है क्योंकि इसका कोई साईड इफेक्ट नहीं होता है| आयुर्वेद का सेवन करके अपने शरीर को रोग मुक्त बनाया जा सकता है| इसलिए आज हम आपको एक ऐसे ही औषधीय पौधे के बारे में बताने जा रहे है ,जिसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाईयों में किया जाता है| उसका नाम निर्गुन्डी का पौधा है| यह नीले ,काले व सफेद रंग के अनेक फूलों वाले होते है| यह एक झाड़ी के आकार का होता है इसकी लम्बाई 8 से 10 फिट तक होती है| यह पुरे भारत देश में पाया जाता है इसकी पहचान करना आसान होता है इसकी पत्तिया हल्की चौड़ी और लम्बी होती है| इसे अमृत तुल्य समझा जाता है इसे भारत में अनेक नामो से भी जाना जाता है|
Nirgundi ka paudha kaha milega –
इसे आप नर्सरी से लेकर अपने घर पर भी लगा सकते है| यह आसानी से कही पर भी उग जाता है| निर्गुन्डी का पौधा बेहद लाभदायक होता है, इसे अगर आयुर्वेद की पध्दति के अनुसार उपयोग किया जाये तो शरीर की बहुत सी बीमारी को ठीक किया जा सकता है| इसकी पत्तियों का इस्तेमाल जुकाम ,सरदर्द ,सूजन ,पेट के कीड़े मारने में, बुखार ,बालो के विकास ,आँखों की रोशनी बढाने में और चिकित्सा में भी इसका उपयोग किया जाता है| परम्परागत रूप में इसका किसी न किसी क्षेत्र में इस्तेमाल होता है|
निर्गुन्डी के नाम :-
लैटिन – vitex nigundo
अंग्रेजी – five leaved chaste
संस्कृत – सिंदुवार ,सिन्दुक ,निर्गुण्डी
इसके अलावा इसे सेवाली ,मरवन ,नोची ,उसलाक ,पंजागुष्ट ,समालु आदि नामों से भी जाना जाता है|
निर्गुंडी की जड़ / बीज के फायदे :-
- निर्गुन्डी के कुछ पत्तो को तोड़कर धूप में सुखा ले ,फिर उसे पानी में उबाल ले और कुल्ला या गरारा करे तो गले के दर्द में आराम पहुचता है|
- किसी भी प्रकार की सूजन हो निर्गुन्डी के पत्तो को उबाल कर सूजन पर लगाये बहुत आराम मिलेगा|
- जिनको पक्षाघात व पोलियो की शिकायत है वे इसके पत्तो तेल से मालिश करे|
- 100 से 150 ग्राम पत्तियों को लेकर उसे 1 लीटर पानी में उबाल ले और रोज खाली उसका सेवन करे महीने भर में पीठ दर्द या बेक पेन से छुटकारा मिल जायेगा या दर्द बहुत कम हो जायेगा
- सर्दी जुखाम और एलर्जी वालो को इसका (nirgundi kwath) काढ़ा पीना चाहिए बहुत लाभ होगा है|
- पेट दर्द या पेट साफ न होने की समस्या होने पर इसके पत्तो को पानी में उबालकर ,उसमे थोडा सा अदरक मिलाकर पीने से आराम मिलेगा|
- वात के कारण हाथ ,पैर के जोड़ो में दर्द हो रहा है तो इसका (nirgundi kwath) काढ़ा बनाकर पीने से आराम मिलता है|
- जिनको पैरालेशिस है या शरीर में कोई नस दिक्कत देती है तो इसके तेल से मालिश करे असर दिखने लगेगा
- पीरियड के समय दर्द ज्यादा होने पर इसका (nirgundi kwath) काढ़ा पीने से दर्द में बहुत आराम मिलता है|
- होठ अगर फटते है तो निर्गुन्डी के तेल को नाभि में लगाना चाहिए|
- सिर में दर्द होने पर इसके पत्तों को पीसकर ,उसका लेप लगाने से दर्द ठीक हो जाता है|
- अगर बच्चों के दांतो को निकलने में परेशानी हो रही हो तो इसकी जड़ो की माला गले में पहना दे तो दांत आसानी से निकला जायेंगे|
- सर्दी के समय अगर हाथ-पैर में छाले पड़ जाये तो इसके तेल से मालिश करना चाहिए|
- किसी भी प्रकार के फोड़े-फुंसी होने पर इसके तेल को लगाने से आराम मिलता है|
- अगर कान बहने की समस्या हो तो सरसों के तेल में इसके पत्तों का रस मिलाकर अच्छे से गर्म कर ले ,फिर इस तेल को डाले तो कान बहना बंद हो जायेगा|
तो आप लोगों ने देखा एक सामान्य सा दिखने वाला पौधा कितने सारे औषधीय गुणों से भरा है| वैसे तो इसके कोई नुकसान नहीं है लेकिन फिर भी इसका सेवन या उपयोग उचित मात्रा में ही करना चाहिए| इसका उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरुर ले लेनी चाहिए ताकि वह इसका उचित सेवन बता सके|
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