आज के इस नये युग मे हमे जो बताया जाता है, या जो हम जानते है वही सच मानते है, कभी आपने सोचा की हमारे ग्रंथ और पुराणो ज्ञान एक पीडी से दूसरी पीडी मे कैसे जाता था, क्यूकी तब कागज तो थे नही लिखने के लिए, अब एक नज़र “गुरुकुल” शब्द पर डालिए जहा सब बालक अपना बचपन बिताते थे, जहा हर तरह की शिक्षा मिलती थी, चाहे पुराणो का ज्ञान हो. युद्ध का ज्ञान हो, आदि आदि सारे विचार, संस्कार एक गुरु के द्वारा आने वाली पीडी यानी शिष्यो मे डाले जाते थे.
महाभारत कालीन नक्शा –
प्राचीन भारत के मानचित्र –
कहने का मतलब है की आज जो हम भारत का नक्शा देखते है उसे ही सच मानते है जबकी सच कुछ और ही था या है. प्राचीन भारतीय इतिहास जितना व्यापक और रोचक है, शायद ही किसी अन्य देश का इतिहास इसके करीब हो।
देश का नाम भारत कैसे पड़ा? –
महाभारत के रचयिता वेदव्यास के अनुसार महाराज दुष्यन्त के पुत्र सम्राट भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा था। एतरेय ब्राह्मण के मुताबिक, भरत एक चक्रवर्ती राजा थे, जिन्होंने चार दिशाओं तक की भूमि को जीतकर एक विशास साम्राज्य को कायम किया था। सही मायने में उन्होंने ही पहली बार भारतवर्ष को एक सूत्र में बांधा था। इसकी पुष्टि अमेरिका की लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस भी कर रही है। हालाँकि जड़भरत की कथा विष्णुपुराण के द्वितीय भाग में और भागवत पुराण के पंचम काण्ड में आती है। इसके अलावा यह जड़भरत की कथा आदिपुराण नामक जैन ग्रन्थ में भी आती है।
महाराज जड़भरत का प्रकृत नाम ‘भरत’ है इन्हे के नाम पर इस भू भाग को भारतवर्ष जाना जाता है।
Map of India in the Age of the Mahabharata (World Digital Library)
बहुत कम लोगों को पता है कि इस लाइब्रेरी ने अधीकृत रूप से महाभारतकालीन भारतवर्ष का मानचित्र जारी किया है। इस मानचित्र के मुताबिक एक समय एकीकृत भारत कांधार से लेकर कंबोज तक हुआ करता था। महाभारतकालीन भारत का फैलाव अत्यधिक विस्तृत माना गया है और यही वजह है कि इस देश को वृहत्तर भारत भी कहा जाता रहा है।
इस मानचित्र को 20वींस सदी के पूर्वार्ध में पूना (अब पुणे) मे बनाया गया था। इसमें उन सभी शहरों और राज्यों की राजधानियों का जिक्र संस्कृत में किया गया है, जो महाभारतकाल में मौजूद थे। मानचित्र में आप देख सकते हैं कि इसके पश्चिमोत्तर में गंधार (अफगानिस्तान) का उल्लेख है, वहीं, भारत की हृदयस्थली पर पांचाल उल्लिखित है।
अब के कर्णाटक को उस वक्त किष्किन्धा के नाम से जाना जाता था। इस मानचित्र को बेहद सही माना जाता है, तभी इसे अमेरिकी इतिहास विभाग ने भी जगह दी है। हालांकि इस बात कहीं जिक्र नहीं है कि इस मानचित्र को किसने बनाया था।
पुणे (पूर्व में पूना), भारत में प्रकाशित यह 20वीं शताब्दी का अदिनांकित नक्शा, भारत में महाभारत से जुड़े संस्कृत स्थानों के नामों को दर्शाता है।
महाभारत सबसे अधिक संभावना 200 ईसा पूर्व के बीच रचित है। और 200 A.D., यह बहुत लंबा महाकाव्य कुरुक्षेत्र के राज्य में पांडवों और कौरवों के बीच नौवीं शताब्दी ईसा पूर्व में हुए वंशवादी संघर्ष और गृहयुद्ध की कहानी को याद करता है।
So if you were looking for a Mahabharat map of India then the below Mahabharat map may be correct as per finding facts. because it is showing the name of states during Mahabharat times like the Mahabharat map Hastinapur, Gandhar, and Kurukshetra, etc.
डिस्क्लेमर – इस जानकारी की सत्यता की पुष्टि हम नहीं कर सकते लेकिन जो जानकारी पब्लिक डोमेन में उस के अनुसार।
FAQs –
महाभारत कौन से जिले में हुआ था?
महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में लड़ा गया था। कुरुक्षेत्र हरियाणा में स्थित है।
महाभारत कहाँ स्थित है?
हस्तिनापुर (Hastinapur), जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ ज़िले में स्थित एक नगर है।
वर्तमान में हस्तिनापुर कहां है?
वर्तमान में हस्तिनापुर भारत में उत्तर प्रदेश के दोआब क्षेत्र में एक शहर है, जो मेरठ से लगभग 37 किलोमीटरऔर राष्ट्रीय राजमार्ग 34 पर दिल्ली के उत्तर-पूर्व में लगभग 96 किमी है।
महाभारत काल में भारत में कितने जनपद थे?
बाद में महाभारत के अनुसार भारत को मुख्यत: 16 जनपदों में स्थापित किया गया।
महाभारत का क्या सबूत है?
कुरुक्षेत्र में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा महाभारत काल के कई अवशेष प्राप्त हुए हैं महाभारत में उल्लेखित कई नदियां, और जगह के नाम आज भी यथारूप है। हालाँकि विधर्मी और नास्तिक (वामपंथी) आजादी के बाद से ही इनको बदलने में लगे है।
भारत का सबसे बड़ा युद्ध कौन सा है?
प्राचीन भारत में महाभारत (जय संहिता) वैदिक काल के इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध था।
हस्तिनापुर का पुराना नाम क्या है?
राजा हस्ति ने नई राजधानी बनाकर उसका नाम हस्तिनापुर रखा।
कुरुक्षेत्र की धरती लाल क्यों है?
लाखों सैनिक और हाथी घोड़ों का रक्त रणभूमि में बहा। इससे ही मिट्टी का रंग लाल हुआ
कुरुक्षेत्र युद्ध असली है?
पुरातत्वविदों ने तर्क दिया है कि यह संघर्ष लगभग 1000 ईसा पूर्व में हुआ होगा
हस्तिनापुर की खुदाई में क्या मिला?
हस्तिनापुर में पांडव टीले पर उत्खनन में मिला पांसा कौतूहल का विषय है. ये पांसा हाथी के दांत यानी IVORY से बना हुआ है लेकिन शकुनि का पांसा उसके माता पिता की हड्डियों का था जो भीष्म पितामह की जेल में मारे गए थे।
दिल्ली का पहला राजा कौन था?
चंदरबरदाई की रचना पृथवीराज रासो में तोमर वंश राजा अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया गया है।
पांचाल का वर्तमान नाम क्या है?
पांचाल वर्तमान रुहेलखंड का प्राचीन नाम था। इसका यह नाम राजा हर्यश्व के पांच पुत्रों के कारण पड़ा था।
इंद्रप्रस्थ अभी कहां है?
नई दिल्ली को इन्द्रप्रस्ठ कहा जाता था।
हस्तिनापुर का नाम दिल्ली कैसे पड़ा?
तर्क यह है कि तोमरवंश के दौरान जो सिक्के बनाए जाते थे उन्हें देहलीवाल कहा करते थे। इसी से दिल्ली नाम पड़ा।
डिस्क्लेमर – दी गयी जानकारी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध जानकारियों से ली गयी है।
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