Sattvik Certificate – आप भी शौक से खाते हैं होटल का खाना तो एक बार ज़रूर पढ़ लें ये खबर भारत सरकार ने हाल ही में सात्विक काउंसिल ऑफ इंडिया संस्था का निर्माण किया है जिसका कार्य उन होटल, रेस्ट्रोरेंट, ट्रैन, और अन्य खाने पीने की जगह को गंदगी फ्री बनाना है। साथ ही साथ उन लोगो के मन से भय को निकालना को भी है जो कही भी खाना खाते समय सोचते है कि “कही ये होटल मांसाहारी खाना तो नहीं खिलाता? या कही ये लहसुन प्याज़ का इस्तेमाल तो नहीं करता इत्यादि।
Sattvik भोजन क्या होता है?
ऐसा भोजन जिसका हम प्रसाद के रूप में भगवान् पर चढ़ा या अर्पण कर सकते है। वह भोजन Sattvik या Pure Vegiterian कहलाता है। सात्विक है तो शुद्ध है। अर्थात यह उस लेवल तक स्वच्छ होता है। जिसे किसी भी धर्म या जाति का व्यक्ति बिना चिंता के खा सकता है।
Sattvik Council of India का उदेश्य –
भारतीय सात्विक परिषद एक शाकाहारी क्रांति लाना चाहती है जहां शाकाहारी समाज के उपभोक्ताओं को खाद्य सुरक्षा के मामले में किसी भी उत्पाद का सेवन करते समय कोई दूसरा विचार नहीं करना चाहिए।
भारतीय सात्विक परिषद के फायदे –
भारतीय सात्विक परिषद की ऑफिसियल वेबसाइट के अनुसार यहाँ फायदे दिए गए है जो पूर्णतः सत्य है।
विकास
भारतीय सात्विक परिषद एक Standard Development Organization, का Vegetarian Compliance है। इससे होटल रेस्ट्रोरेंट इत्यादि को एक अलग पहचान मिलेगी। और उनका विकास होगा।
आय
वो लोग भी एक अच्छी इनकम कमा सकते है जो सात्विक-प्रमाणित है। यह Certified छात्रों के लिए उनके खर्चे के योग्य इनकम तैयार करना ।
नौकरियां
लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना। क्युकी इससे सात्विक भोजन ग्रहण करने वाले लोग ही सात्विक-प्रमाणित संस्था में काम करेंगे। गाँवो की अधिकांश जनसंख्या अभी सात्विक भोजन ही ग्रहण करती है।
और जैन धर्म पूरा का पूरा सात्विक भोजन ही ग्रहण करता है।
समाज में इसे value प्रदान करना –
सात्विक भोजन अर्थात शुद्ध भोजन के प्रोत्साहन और बेहतरी के लिए समाज में वैल्यू जोड़ना।
इसके तहत चार तरह के सर्टिफिकेशन दिए जाएंगे –
- सात्विक सत्त्वम
- सात्त्विक वेजेटेरियन
- सात्त्विक वीगन
- सात्त्विक जैन
Sattvik Certificate के लिए अप्लाई कैसे करे?
यह बहुत ही आसान है इसके लिए आपको सात्विक काउंसिल ऑफ इंडिया की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा। और अपने होटल, रेस्ट्रोरेंट या खाने पीने के बिज़नेस के बारे में जानकारी देकर ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। यहाँ ऑनलाइन फॉर्म है।
Online Food Delivery App पर भी Sattvik Certificate? –
बिलकुल भारत सरकार की तरफ से यह आकर्षक तोहफा उन लोगो के लिए जो शुद्ध या सात्विकभोजन खाते है। इसलिए अगर आप सात्विक है तो किसी भी होटल या रेस्ट्रोरेंट में खाने से पहले वहां Sattvik Certification जरूर चेक करे। अगर आप ऑनलाइन Food Delivery एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर रहे है जैसे की Swiggy, Zomato, Uber Eats, Foodpanda या Faaso’s इस्तेमाल कर रहे है तब भी आपको इस Sattvik Certification के बारे में जानकारी मिलेगी।
उदाहरण के लिए आप इस जोमेटो के Sattvik Certificate होटल को देख सकते है।
ट्रैन में भी क्या Sattvik भोजन मिलेगा? –
बिलकुल मिलेगा। हाल ही में कई ट्रैन को Sattvik Certificate मिला है जो तीर्थ यात्रा के लिए विशेष है। इन ट्रैन में आपको केवल Sattvik खाना ही मिलेगा। इनमे मांसाहारी न तो बनता है और न उससे कोई मतलब रखता है।
आस पास के होटल या रेस्ट्रोरेंट में Sattvik Certificate?
अब ऐसे होटल या रेस्ट्रोरेंट जो सात्विक खाना प्रदान करते है उन्हें Sattvik Certificate लेना होगा। फिर वो अपने होटल या रेस्ट्रोरेंट के बाहर प्रचार के रूप में प्रचारित कर सकते है। इससे व्यक्ति होटल या रेस्ट्रोरेंट में घुसने से पहले उसे पता होगा की वह शुद्ध खाना खाने जा रहा है या मांसाहार।
Sattvik Certification Vs Halaal Certification –
अगर आपको लगता है Sattvik Certification भी Halaal Certification की तरह समान है तो यह सही नहीं है।
हलाल भोजन में प्रयुक्त मांस को काटते समय आयते पढ़कर उसे चढ़ाया जाता है। तो वह मुस्लिम के लिए प्रसाद बराबर होता है। इसलिए ज्यादातर मुस्लिम्स झटका मांस का सेवन नहीं करते। लेकिन हलाल मांस या भोजन को सिख या हिन्दू धर्म के लोग निषेध मानते है। शायद इसका एक कारण भगवान् श्री कृष्ण की वो कही हुयी वो बात भी हो सकती है, जिसमे उन्होंने अर्जुन से कहाँ था – “जो व्यक्ति जिसे जिस रूप में पूजता है या मानता है वह उसी को प्राप्त होता है।”
यान्ति देवव्रता देवान् पितृन्यान्ति पितृव्रताः।
भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपि माम्।। गीता 9/25।।
अर्थात
अर्थ: देवताओं को पूजने वाले देवताओं को प्राप्त होते हैं, पितरों को पूजने वाले पितरों को प्राप्त होते हैं, भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होते हैं और मेरा पूजन करने वाले मुझको ही प्राप्त होते हैं।
लेकिन Sattvik भोजन में ऐसा नहीं है क्युकी यह धार्मिक रूप से भी शुद्द होता है। अर्थात खाना बनाते समय इसका प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता। व्यक्ति के सामने जब थाली आती है तब वह अपनी शुद्ता या श्रद्धा के अनुसार या तो भगवान को वही थाली के एक कोने में प्रसाद चढ़ाकर या उनका नाम लेकर भोजन ग्रहण कर सकता है। और यह हर किसी को ऐसा करना ही पड़ेगा ये जरुरी नहीं। अर्थात किसी पर जबरजस्ती थोपा नहीं जाता। सभी मुक्त है।
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