शकुन और अपशकुन प्रकृति के द्वारा दिया गया संकेत होता है की अब आपको सावधान हो जाना चाहिए। जहाँ शकुन शुभ अर्थात अच्छा संकेत (Negative Signals) देता है और अपशकुन अशुभ अर्थात बुरा संकेत (Positive Signals) देता है। जानते है शकुन और अपशकुन के बारे में हिंदी में जानकारी। अर्थात जानकारी कमाए, Hindihai.com के द्वारा।

क्या शकुन और अपशकुन झूठा, मनगढंत या अन्धविश्वास है?

बिलकुल नहीं, ये न ही झूठा है, न ही मनगढंत या न ही अन्धविश्वास है। सनातन धर्म का उदेश्य शास्त्रों के द्वारा जीवन की खोज करना रहा है। अर्थात ये जहाँ खोज शव्द आता है तो ये अपने आप में वैज्ञानिक हो जाता है। चाहे वो खोज अंतरिक्ष के गृह, घटनाये जैसे की ग्रहण आदि पड़ना, ज्योतिष गणना, समय और काल की गणना इत्यादि।

सनातन धर्म के द्वारा ही शून्य की खोज की गयी थी जिससे गणित बना, अर्थात गणना करने की कला गणित कहलाती है। इस प्रकार हमारे ऋषियों ने भी शास्त्रों में शकुन और अपशकुन के बारे में बताया है।

शास्त्रों में शकुन और अपशकुन के बारे में कई प्रकार के उदाहरण मिलते है। जिन्हे हम यहाँ आपको बतायेगे। जिससे आपको शास्त्रों की कुछ घटनाओं के बारे में पता चलेगा और शकुन और अपशकुन के अर्थ भी पता चलेगा।

भरत जी को स्वप्न में अपशकुन दिखाई देना –

भरत जी जब अपने नाना के यहाँ थे तब उनके पिता राजा दशरथ की मृत्यु अयोध्या में हो चुकी थी। और उस बात की सुचना देने तथा राजकुमारों को वहां से बुलाने के लिए अयोध्या के सैनिक जाते है।

रात में भरत को स्वप्न दिखाई देता है जिसमे बहुत से अपशकुन होते है।

जो इस प्रकार है –

मेने आज स्वप्न में अपने पिता जी को देखा है। –

उनका मुख मलिन था बाल खुले हुए थे।

और वे पर्वत की चोटी से ऐसे गंदे गड्ढ़े में गिर पड़े।

जिसमे गोवर भरा हुआ था मेने उन्हें गोवर में तैरते हुए देखा था।

वे अंजलि में तेल लेकर पि रहे थे और हॅसते हुए तिल और भात खाया।

फिर उनके पूरे शरीर में तेल लगाया गया। फिर वे सिर नीचे किये तेल में गोते लगाने लगे।

स्वप्न में मेने यह भी देखा की समुद्र सूख गया है। सूर्य और चन्द्रमा पृथ्वी पर गिर पड़े है।

पूरी पृथ्वी उपद्रव से ग्रस्त और घने अंधकार से आच्छादित सी हो गयी है।

महाराज के काम में आने वाले हाथी का दाँत टूट फुट गया है।

पहले से प्रज्ज्वलित अग्नि सहसा बुझ गयी है।

मेने यह भी देखा है की पृथ्वी फट गयी है, नाना प्रकार के वृक्ष सूख गए है।

पर्वत ढह गए है और उनसे धुआं निकल रहा है।

मेने देखा कि महाराज काले लोहे की चौकी पर बैठे है।

उन्होंने काला वस्त्र डाल रखा है।

उनके पीछे भी काले वस्त्र पहने काली स्त्रियाँ खड़ी हुयी है और उनके ऊपर प्रहार करती है।

धर्मात्मा राजा दशरथ लाल फूलो की माला पहने और लाल चन्दन लगा कर गधे जुते हुए रथ पर बैठकर बड़ी तेज़ी से दक्षिण दिशा की और चले जा रहे है।

लाल वस्त्र धारण करने वाली स्त्री जिसका मुँह बड़ा और फटा हुआ राक्षसी सी प्रतीत होती है महाराज को खींचे लिए जा रही थी।

इस प्रकार इस रात्रि में इस प्रकार का भयानक स्वप्न देखा है। इसका फल यह होगा की मैं, शत्रुघन्न, श्री राम, लक्ष्मण या राजा दशरथ इनमे से किसी की अवश्य मृत्यु होगी। जो मनुष्य गधे जुते हुए रथ पर दिखाई देता है तो शीघ्र ही उसकी चिता का धुआँ दिखाई देने में आता है।

इसे आप वाल्मीकि रामायण के अयोध्याकाण्ड में यहाँ से पढ़ सकते है

सीता जी को शुभ शकुन के संकेत मिलना –

वाल्मीकि रामायण के सुन्दरकांड के सर्ग 29 में आप पढ़ सकते है की जब सीता जी दुखी होकर मरने का प्रयत्न कर रही थी तभी उनके वृक्ष के पास हनुमान जी आ जाते है। और उसी समय सीता जी शुभ शकुन मिलने लगते है, उनकी वायी आँख, बायीं भुजा, और बायीं जंघा फड़कने लगी।

उन सुन्दर केशो वाली जानकी जी के चंचल पलको सहित काले तारे से शोभित, विशाल, शुक्लवर्ण और लालकोय वाला वामनेत्र (अर्थात वायी आँख) मछली द्वारा हिलाये हुए कमलपुष्प की तरह फड़कने लगे।

उनकी मनोहर गोल, सुडोल वामभुजा, जो बढ़िया अगर चन्दन से चर्चित अपने प्यारे पति के संयोग से वंचित थी, फड़कने लगी।

उनकी एक दूसरे से मिली हुयी सी दोनों जांघो में से वाम जांघ (वायी जांघ ) फड़कती हुयी मानो यह बतला रही थी की श्री रामचंद्र जी के सम्मुख ही खड़े हो।

उपमारहित आँखों वाली और अनार के दानो जैसी दंतपक्ति वाली सीता जी की सुनहले रंग की अर्थात चंपा (भगवा) रंग की ओढ़नी जो कुछ कुछ मैली सी हो गयी थी, सिर से खिसक पड़ी।

हवा और घाम से नष्ट हुआ बीज जिस प्रकार वर्षा होने पर पुनः हरा भरा हो जाता है, ठीक उसी तरह सीता जी उक्त शुभ शकुनो को देखकर और उनका शुभफलादेश जानकार, हर्षित हो गयी।

शकुन और अपशकुन क्या होता है?

शकुन और अपशकुन किसी व्यक्ति के जीवन में घटित होने वाली घटनाओं के बारे में संकेत देते हैं।

शकुन –

शकुन का अर्थ है शुभ संकेत। यह किसी अच्छी घटना के घटित होने से पहले दिखाई देने वाले संकेतों को दर्शाता है। शकुन को देखकर लोगों को लगता है कि उनके जीवन में कुछ अच्छा होने वाला है। तो यह एक शकुन माना जाता है।

अपशकुन –

अपशकुन का अर्थ है अशुभ संकेत । यह किसी बुरी घटना के घटित होने से पहले दिखाई देने वाले संकेतों को दर्शाता है। अपशकुन को देखकर लोगों को लगता है कि उनके जीवन में कुछ बुरा होने वाला है। तो यह एक अपशकुन माना जाता है।

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