कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार पूरे भारतदेश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाता जाता है| इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था इसलिए इसे कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व कहते है| जन्माष्टमी की तैयारी लोग रक्षाबंधन के बाद से ही शुरू कर देते है|
भगवान कृष्ण के मंदिर को जन्माष्टमी के पहले से ही सजाया जाने लगता है| जगह-जगह लोग दही हांड़ी प्रतियोगिता की तैयारी शुरू कर देते है ,क्योंकि इस दिन दही हांड़ी फोड़ने का विशेष महत्व होता है|
इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप का विशेष अभिषेक करके नये वस्त्र व आभूषण पहनाकर ,उन्हें झूला झुलाया जाता है| उनकी पूजा-अर्चना की जाती है|
कृष्ण जन्माष्टमी कब आती है? Janmashtami kab hai?
यह पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है| इस दिन मध्यरात्रि को भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा में जन्म लिया था| तभी से यह पर्व कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है|
Janmashtami kyu manate hai? in Hindi
जन्माष्टमी मानाने के पीछे एक Pauranik Katha है –
मथुरा नगरी का राजा कंस था| जो बहुत ही क्रूर व अत्याचारी था| उसकी एक बहन देवकी थी जिसे वह बहुत प्यार करता था| देवकी की शादी वासुदेव से हुई थी| जब देवकी की शादी हुई तो एक आकाशवाणी हुई कि देवकी व वासुदेव की आंठ्वी संतान कंस का वध करेगी|
आकाशवाणी से भयभीत होकर कंस ने देवकी व वासुदेव को बंधी बनाकर काल-कोठरी में डाल दिया| और उनकी आठवीं संतान की जन्म की प्रतीक्षा करने लगा|
कंस अपनी मृत्यु से इतना भयभीत था कि उसने देवकी व वासुदेव की आठवी संतान से पहले जितनी भी संतान हुई सभी को मर डाला|
जब देवकी की आठवीं संतान के रूप में भगवान कृष्ण ने जन्म लिया तो विष्णु भगवान ने वासुदेव को दर्शन देकर कहा –कि आप अपनी आठवीं संतान को गोकुल में नंदबाबा व माता यशोदा के घर पहुंचा दो| इतना कहते ही वासुदेव की बेडियां और काल-कोठरी का दरवाजा अपने आप खुल गया ,और सारे पहरेदार सो गये| तब वासुदेव भगवान कृष्ण को एक टोकरी में अपने सिर पर रखकर यमुना नदी पार करके गोकुल छोड़ आए|
जब सुबह नंदबाबा व माता यशोदा ने कृष्ण को देखा तो उन्होंने कृष्ण का गोकुल में पूरे हर्षोल्लास के साथ झूला झुलाकर जन्मोत्सव मनाया|
तभी से कृष्ण भगवान का जन्म दिन कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में बड़ी धूम धाम से मनाया जाने लगा|
Krishna Janmashtami Kaise Manaya Jata Hai?
इस दिन सुबह से स्नान करके साफ कपड़े पहनकर भगवान कृष्ण के मंदिर में जाकर उनका पूजा करनी चाहिए| उनका ध्यान करके अगर हो सके तो 108 बार ‘ओम नमो: वासुदेवाय:’के मंत्र का जप करना चाहिए|
जो लोग उपवास करते है उन्हें पूरे विधि-विधान के साथ बालगोपाल कृष्ण की प्रतिमा का दूध ,शहद और दही के साथ अभिषेक करना चाहिए| अभिषेक करने के बाद उन्हें नये वस्त्र व आभूषण पहनाना चाहिए| उनके झूले को फूलों से सजाना चाहिए|
उन्हें माखन-मिश्री का भोग जरुर लगाना चाहिए क्योंकि वह उन्हें अत्यतं प्रिय है| उनकी पूजा मुहूर्त के हिसाब से ही करना चाहिए ,ताकि आपको इस व्रत का पूरा फल मिल सके और आपकी सभी मनोकामनाये पूरी हो| भगवान की पूजा व आरती करने के बाद आप भोजन कर सकते है|
इस दिन बहुत से लोग अपने घर में या फिर गली मोहल्ले में दही हांड़ी फोड़ने की प्रतियोगिता भी रखते है ,जो भी इस दही हांड़ी को फोड़ता है ,उसे इनाम दिया जाता है| यह प्रतियोगिता बहुत बड़े स्तर पर भी आयोजित की जाती है| जहा पर जितने वाली टीम को लाखों का इनाम भी मिलता है|
मथुरा ,वृन्दावन ,गोकुल ,बरसाने में तो इस पर्व की रोनक देखते ही बनती है| यहा का हर एक मंदिर सजा होता है| सभी मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है| दूर-दूर से लोग यहाँ की जन्माष्टमी देखने आते है|
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कृष्णा जन्माष्टमी संबंधित प्रश्न –
2022 में जन्माष्टमी कब है?
कृष्ण जन्माष्टमी 2022 गुरुवार, 18 अगस्त 2022 को शुरू होगी और शुक्रवार, 19 अगस्त 2022 को समाप्त होगी।
जन्माष्टमी के दिन दही हांड़ी (Dahi Handi) क्यों फोड़ते है?
भगवान कृष्ण पूरे गोकुल में सभी के घर माखन चुराकर खाते थे जिसकी वजह से गोकुल के लोग अपने माखन की मटकी को कृष्णा से बचाने के लिए ऊपर लटका देते थे ,लेकिन कृष्णा की टोली फिर भी मटकी फोड़कर माखन चुराकर खा लेती थी| इसलिए इस दिन लोग दही हांड़ी को लटकते है फिर उसे फोड़ते है|
Krishna Janmashtami के दिन किसके जन्म का Utsav मनाया जाता है?
इस दिन भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाया जाता है|
जन्माष्टमी Kab Manayi Jaati Hai?
जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है|
भगवान कृष्ण Krishnashtami का जन्म किस Nakshatra में हुआ था?
कृष्णजी का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था|
Janmashtami का Vrat क्या Fal देता है?
जो लोग जन्माष्टमी का व्रत पूरे मन से और निष्ठा से रहते है ,उन्हें संतान प्राप्ति ,दीर्घायु और सुख-संपति प्राप्त होती है|
Janmashtami को बालगोपाल कृष्ण को Jhoola क्यों झुलाते है?
क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था ,और जो लोग इस दिन उन्हें झूला झुलाते है तो वे बहुत प्रसन्न होते है और अपने भक्त की सभी मनोकामना पूरी करते है|
Janmashtami की Pooja रात के 12 बजे क्यों होती है?
क्योंकि कृष्ण भगवान का जन्म मध्यरात्रि 12 बजे हुआ था|
भगवान Krishna को Bhog में माखन-मिश्री क्यों चढ़ाते है?
कृष्ण को माखन-मिश्री अत्यन्तं प्रिय है इसलिए उन्हें इसका भोग जरुर लगाते है|
जन्माष्टमी के दिन Baal Gopal कृष्ण का अभिषेक किससे करते है?
दूध ,दही ,शहद व जल या गंगाजल से उनका अभिषेक करते है|
Krishna Janmashtami का Vrat न करने पर क्या होता है?
स्कन्द पुराण के अनुसार जो लोग जन्माष्टमी का व्रत नहीं करते है वे लोग जंगल में सर्प व व्याघ्र होते है|
कृष्ण जन्माष्टमी की रात्रि को मोहरात्रि (MohRatri) क्यों कहते है?
इस रात्रि को भगवान कृष्ण का ध्यान करने व उनका नाम जपने से संसार की मोह-माया से मुक्ति मिलती है इसलिए इसे मोहरात्रि कहते है|
Krishna Janmashtami के दिन भगवान कृष्ण की पूजा करते समय कौन-कौन सी samagri पूजा की थाली में जरुर रखे?
पूजा की थाली में कपूर ,केसर ,चंदन ,कुमकुम ,चावल ,अबीर ,गुलाल ,हल्दी ,कलावा ,रोली ,सुपारी ,पान के पत्ता ,फूल ,घी का दीपक ,अगरबत्ती ,नारियल जरुर रखे|
जन्माष्टमी दो दिन की क्यों होती है?
पहले दिन जन्माष्टमी वृंदावन की होती है जहाँ साधु संत के रूप में देवता भगवान् के प्रकट होने की ख़ुशी में सत्संग, कीर्तन और ख़ुशी मनाते है। और दूसरे दिन जब भगवान् का प्राकट्य हो जाता है तो संसार ख़ुशी मनाता है।