टोपा हो क्या? अगर आपका दोस्त मजाक में आपसे कहे तो आप इस प्रकार से आप उसे देखते है कि जैसे कि आप मुर्ख है और वो विद्वान है। अर्थात यहाँ टोपा होने का मतलब मुर्ख होने से निकाला जाता रहा है।
लेकिन मुझे कुछ ऐसा पता चला एक पाकिस्तानी वीडियो से तो चौंक गया। आज विचार आया तो सोचा ये भी बता ही देता हूँ।
क्युकी मैं भी टोपा हूँ। आगे बताता हूँ कैसे –
टोपा हो क्या? अर्थात शिश्न पर Cap है, जो कटा नहीं है।
यह पाकिस्तानी और बांग्लादेशियो के हिसाब से गाली है जो वो अपने यहाँ को लोगो को चिढ़ाने के लिए देते है। अर्थात अगर वे भीड़ में बोल दे कि ये अमुक व्यक्ति तो टोपा है तो वहां उपस्थित जन समझ जाते थे कि वो काफिर है।
फिर वो भीड़ या समाज उनके साथ वह व्यवहार करता था जिससे ज्यादातर टोपा वाले लोग घटकर कम होते चले गए।
जब मेने अपने दोस्त से इस बारे में पूछा
तो उसने बताया कि – भारत में टोपा होने का अर्थ सभी लोग मुर्ख ही समझते है।
अगर कोई टोपा कहता है तो वो रोज़ की मजाकिया बात की तरह लेते है।
लेकिन तोपा हो का ? इसका मतलब
इसका मतलब समझते है कि तुम कोई तोप हो क्या?
खैर, आम बोलचाल में भी ऐसे शब्द कॉमन हो जाते है जिनका अर्थ नहीं पता होता।
जैसे कि हमें ये भी नहीं पता कि पाकिस्तानियो ने ही सभी सनातनियो को मोदीभक्त बोला था, अर्थात भक्त शब्द का इस्तेमाल किया। जिसे आज तक सोशल मीडिया या आम बोलचाल में सनातन से कन्वर्ट हुए लोग सनातनियो को नीचा दिखाने के लिए बोलते रहते है, लेकिन उन्हें शायद पता नहीं होगा कि सनातियो को भक्त शब्द से सम्बोधिंत करने पर उन्हें अपमानित नहीं बल्कि ख़ुशी मिलती है। और वे प्रार्थना करते है कि सर्वशक्तिमान श्री राम हमेशा भक्त बनाकर ही रखे।
इस शब्द को कटाक्ष के रूप में इस्तेमाल सबसे पहले पाकिस्तानियो ने ही किया था।
काम की बात !
भारत में वास्तविकता में टोपा क्या है?
उत्तर भारत में ज्यादातर लोग टोपा अर्थात सर्दी से बचने वाली टोपी को कहते है। जिसे अन्य देशो में बेनी (beanie) , टोबोगन (Toboggan), टुक (Toque), टोक और टौक (Toque and Tuque) कहा जाता है।
डिस्क्लेमर – देश और स्थान बदलने से शब्दों का अर्थ बदल जाता है इसलिए इस बात को किसी भी धर्म, जाति या विशेष पर न ले। हल्का फुल्का ब्लॉग पोस्ट है किसी के प्रति कोई गलत भाव या विचार नहीं है।
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