आज हम आपको एक इस प्रकार की जड़ीबूटी के बारे मे बताने जा रहे है जिसका स्थान भारतीय चिकित्सा आयुर्वेद मे अत्यधिक महत्त्वपूर्ण रहा है| और इस जड़ीबूटी का नाम है अश्वगंधा Withania somnifera (Ashwagandha)|
Ashvgandha का मतलब होता है – घोड़े की गंध| इसका यह नाम इसलिए पड़ा क्योकि इसकी जड़ो मे घोड़े के पसीने की गंध आती है| यह एक बहुत ही मजबूत पौधा होता है जो की उच्च और निम्न तापमान दोनो मे ही जीवित रह सकता है| यह जड़ीबूटी शुष्क जगह पर आसानी से और बहुत ही अच्छे तरीके से बढ़ती है| अश्वगंधा एक शक्तिवर्धक रसायन है जो कि आम लोगो के लिए टॉनिक का कार्य करता है| यह शरीर का बहुमुखी विकास करता है| अश्वगंधा मे एंटी एजिड ,एंटी ट्यूमर , एंटी स्ट्रेस तथा एंटी आक्सीडेंट के गुण पाए जाते है जो कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढाने मे सहायक होते है| अश्वगंधा की जड़ ,पत्तियाँ ,फल ,बीज और छाल ये सभी अलग-अलग प्रकार की बीमारियो के इलाज मे काम आते है|
Ashvgandha ज़्यादातर भारत मे ही पाया जाता है , लेकिन इसके अलावा यह मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका मे भी पाया जाता है| अश्वगंधा के पौधे पर पीले रंग के फूल आते है ,जिसके बीच मे फल लगे होते है ,और इसकी पत्तियाँ हारे रंग की होती है अश्वगंधा शारारिक और मानसिक दोनों प्रकार के रोगों को दूर करने मे उपयोगी होता है| अश्वगंधा का चूर्ण अनेक प्रकार की बीमारियो को दूर करता है और इसके निम्नलिखित लाभ या फायदे होते है|
Ashwagandha ke fayde hindi अश्वगंधा चूर्ण के फायदे -:
• Ashvgandha Withania somnifera (Ashwagandha) के चूर्ण का सेवन करने से मधुमेह की बीमारी को नियंत्रण मे रखा जा सकता है|
• सोने से पहले एक गिलास दूध मे 2 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण और 1 चम्मच शक्कर मिला के पीने हाइट बढ़ती है| अतः अश्वगंधा चूर्ण के उपयोग से हाइट को भी बढ़ाया जा सकता है|
• अश्वगंधा के चूर्ण का नियमित सेवन करने से हाई बीपी की समस्या नही होती है क्योकि ये खून के थक्के जमने से रोकता है जिसके कारण हार्ट अटैक जैसी बीमारी नही होती है|
• Ashvgandha के चूर्ण का सेवन करने से टेंशन दूर होता है क्योकि ये मस्तिष्क मे एक इस प्रकार की उर्जा का निर्माण करता है जिसके कारण नींद अच्छी आती है और दिमाग़ टेंशन फ्री हो जाता है|
• कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ने मे भी अश्वगंधा चूर्ण काफी हद तक मददगार होता है|
• इस जड़ीबूटी का उपयोग घाव या चोट को ठीक करने मे भी किया जाता है| इसके अलावा किसी भी प्रकार के त्वचा रोग को ये ठीक कर सकती है|
• कुछ लोग जल्दी बीमार पर जाते है क्योकि उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होती है| लेकिन अश्वगंधा का सेवन करने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है|
• अश्वगंधा मे एंटी आक्सीडेंट और साइटोप्रोटेक्टिव के गुण पाए जाते है इसी कारण ये मोतियाबिंद रोग से लड़ने मे सहायक होता है|
• अश्वगंधा बालो को गिरने से भी रोकता है|
• अश्वगंधा पुरुषों मे वीर्य रोगो को दूर करके शुक्राणुओं को बढ़ाता है|
• गैस की बीमारी ,जोड़ो का दर्द ,एसिडिटी आदि रोगो को दूर करने मे भी अश्वगंधा चूर्ण सहायक होता है|
• अश्वगंधा का सेवन करने से गठिया का दर्द ठीक हो जाता है|
• जिन महिलाओं की योनि से सफेद चिपचिपा पदार्थ निकलता रहता है तो अगर वे अश्वगंधा का सेवन करे तो उनकी ये समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी|
• Ashvgandha के चूर्ण को किसी भी तेल मे मिलाकर लगाने से चर्मरोग दूर हो जाता है|
• इसका सेवन करने से खाँसी भी दूर हो जाती है|
• टीबी की बीमारी मे भी ये चूर्ण बहुत ही लाभकारी होता है|
• महिलाओ की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने मे भी ये सहायक होता है|
• चिंता और अवसाद दोनों के उपचार में अश्वगंधा प्रभावी है| अश्वगंधा का प्रमुख लाभ यह है कि बिना-अवसाद और विरोधी-चिंता वाली दवाओं की तुलना में इसे लेकर कोई प्रतिकूल प्रतिक्रिया नहीं होती है, जो भयानक साइड इफेक्ट भी कर सकते हैं|
Ashwagandha से होने वाले Nuksan -:
जैसा कि हम जानते है अगर किसी चीज के अनेको फायदे होते है तो कुछ उसके नुकसान भी होते है| उसी प्रकार अश्वगंधा चूर्ण के भी नुकसान है-
• गर्भवती महिलाओं को अश्वगंधा चूर्ण का सेवन नही करना चाहिए क्योकि इसके अंदर गर्भ गिराने वाले गुण होते है|
• इसका सेवन अधिक मात्रा मे करने से दस्त होने लगते हैं|
• इसका अधिक मात्रा मे सेवन करने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिसके कारण बुखार भी आ सकता है|
• अगर आप अश्वगंधा का सेवन कर रहे है और इसका आपके शरीर पर विपरीत प्रभाव हो रहा है तो इसका सेवन बंद कर देना चाहिए|
• इसका अधिक मात्रा मे सेवन करने से आपको नींद आना भी कम हो सकती है|
• इसे थायरॉयड दवाओं के साथ लेने से अतिरिक्त थायरॉयड हार्मोन पैदा हो सकता है, जो रोगी के लिए समस्या पैदा कर सकता है|
अश्वगंधा चूर्ण हमारे शरीर की सभी छोटी और बड़ी बीमारियों को दूर करने में सक्षम होता हैं| इसके सेवन से मानव अपने शरीर को स्वस्थ रख सकता है और अनेक रोगों से भी बचा सकता हैं| लेकिन इसका सेवन चिकित्सक की सलाह से ही करना चाहिए क्योकि अगर इसका सेवन आवश्यकता से अधिक किया जाये तो यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकता हैं|
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