Hindi Hai Blog – आज हम आपको एक ऐसे औषधीय पौधे के बारे में बताने जा रहे है जिसे आपने अपने गांव के खेतों की मेड़ो या फिर आपपास की जगह पर देखा होगा| क्योंकि यह बहुत ही साधारण सा दिखने वाला पौधा होता है जिसे देखकर कोई इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि यह इतना गुणकारी हो सकता है|
इस औषधीय पौधे का नाम चिरचिटा (अपामार्ग, लटजीरा) है| जो कि पुरे भारत में हर जगह पाया जाता है लेकिन जो लोग इसके औषधीय गुणों से अनजान होते है वे इस पौधे के औषधीय गुणों का लाभ उठा नहीं पाते है|
अगर आप chirchita ke fayde सुनेगें तो आश्चर्यचकित हो जायेंगे कि यह अपने आप उग जाने वाला और सामान्य सा दिखने वाला पौधा इतनी सारी बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखता है| इतना ही नहीं चिरचिटा के पौधे का उपयोग टोनी-टोटके के लिए भी किया जाता है|
तो आइए जानते है इस चमत्कारी पौधे के बारे में ताकि अगली बार जब आप चिरचिटा / apamarg / Latjeera को देखे तो उसे बेकार का पौधा समझकर उखाड़कर न फेंके|
चिरचिटा (Apamarg, लटजीरा) क्या है?
चिरचिटा एक ऐसी जडीबुटी है जिसका पौधा बरसात के मौसम में अंकुरित ,ठण्ड के मौसम में फलता-फूलता और गर्मी के मौसम में पूर्ण विकसित होकर सुख जाता है| अत: यह बारहमासी पौधा होता है|
chirchita ka botanical name एचिरेंथस ऐस्पेरा (Achyranthes Aspera) है| इस पौधे का उपयोग आन्तरिक व बाहरी रूप से शरीर को detoxify करने के लिए किया जाता है|
चिरचिटा पौधे (Chirchita Ped) की पहचान –
चिरचिटा एक खरपतवार है जो खेतों ,जंगल व खाली पड़ी जमीन पर बड़ी आसानी से देखने को मिल जाता है| इस पौधे की जड़ बेलनाकार व भूरे रंग की तथा तना हल्के पीले रंग का होता है जो सूखने के बाद खोखला हो जाता है|
इसके पत्ते अंडाकार तथा नुकीले व फूल हरे-गुलाबी या बैगनी रंग की कलियों से युक्त होते है और बीजों का आकार चावल की तरह होता है| इसके बीज अगर एक बार कपड़े पर चिपक जाए तो बड़ी मुश्किल से निकलते है|
चिरचिटा के प्रकार (Apamarga Plant) –
यह दो प्रकार के होते है तथा इन दोनों का ही उपयोग जडीबुटी के रूप में किया जाता है –
1. सफेद चिरचिटा
2. लाल चिरचिटा
चिरचिटा के विभिन्न नाम (Chirchita names) –
• सफेद चिरचिटा : लटजीरा, चिचड़ा, अपामार्ग, प्रत्यकपुष्पी, अपंग, अघेड़ो , दतिवन, कुत्री, शिखरी, मयूरक, कटलटी आदि|
• लाल चिरचिटा : लाल चिचिड़ा, वृंतफल, वशिर, उत्तरनी, चिरुकटलाती, परपल प्रिंसेस आदि|
चिरचिटा में उपस्थित पोषक तत्व (Apamarga seeds ) –
पोटाश क्षार, लोहा, नमक, चूना, गंधक, बीटाइन, एंचेटाईन आदि|
Chirchita के बीज / जड़ के चमत्कारी Fayade (गुण-धर्म) –
कफ वातशामक, पाचन, पित्तसारक, स्वेद जनन, मूत्रल, रक्तवर्धक, शोथहर, विषनाशक, रक्त शोधक, पित्त संशोधक, कुष्ठ्न्घ आदि|
चिरचिटा / अपामार्ग पौधे के जड़ / बीज के फायदे (Latjira ke Fayade) –
अगर हम आपको chirchita ke fayde bataye तो इतने सारे है कि जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते है कि यह पौधा इतने सारे रोगों को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है|
चिरचिटा / अपामार्ग के चमत्कारी लाभ –
• अगर आपको दांतो से संबंधित समस्या है जैसे – दर्द ,दांतो का हिलना ,बदबू आदि तो इसकी ताजी जड़ो से प्रतिदिन दातून करे तो सारी समस्या दूर हो जायेंगी|
• मुंह में छाले होने पर इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर उसका गरारा करे तो छालों में आराम मिलेगा|
• अगर चोट लगने पर रक्त निकलना बंद नहीं हो रहा है तो इसके पत्तों का रस निकालकर उस जगह पर लगाए तो रक्त का बहाव रुक जाएगा|
• यह पुराने से पुराने घाव को सुखा सकता है इसके लिए इसकी जड़ को तिल के तेल में पकाकर घाव में लगाये|
• यदि आपको अधिक भूख लगने की समस्या है तो इसके बीज का बारीक चूर्ण बनाकर उससे मिश्री में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करे तो यह समस्या ठीक हो जाएगी|
• हैजा होने पर इसके पत्तों का रस मिश्री व पानी में मिलाकर पिए तो हैजा ठीक हो जायेगा|
• पेट दर्द होने पर इसकी जड़ का चूर्ण बनाकर उसे शहद में मिलाकर सेवन करने से आराम मिलता है|
• अगर किसी भी प्रकार का विषैला कीड़ा काट ले तो इसके पत्तों का रस लगाने पर विष का असर कम हो जाता है|
• मूत्ररोग की समस्या जैसे पेशाब करते समय दर्द ,पेशाब का रुक-रुक कर होना हो तो इसके पत्ते के रस का काढ़ा बनाकर उसमे थोड़ी सी शक्कर मिलाकर पिए तो आराम मिलेगा|
• इसके तने व पत्ते का चूर्ण बनाकर उसका सेवन करे तो कब्ज की समस्या दूर होगी|
• जोड़ो का दर्द होने पर इसके पत्तों को पीसकर पेस्ट बनाकर गर्म करे और जोड़ो पर लगाये तो दर्द में आराम मिलेगा|
• कुष्ठ रोग होने पर इसकी भस्म को सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से रोग ठीक हो जाता है|
• अगर महिलाओं को मासिक धर्म से संबंधित समस्या है तो इसके पंचांग (जड़ ,तना, पत्ती ,फल ,फूल) के रस में मिश्री मिलाकर सेवन करने से समस्या दूर हो जाती है|
इसके अलावा यह पथरी के रोग ,बवासीर की बीमारी ,बुखार ,खांसी ,खुजली ,नेत्ररोग ,श्वसन रोग ,चेचक ,माइग्रेन ,बहरेपन ,अस्थमा जैसे आदि रोगों को ठीक करने के लिए उपयोग में लाया जाता है|
चिरचिटा (अपामार्ग, Latjira) ke Nuksaan –
जैसा कि हम जानते है हर प्रकार का औषधीय पौधा केवल हमें लाभ ही पहुंचता है लेकिन ऐसा तभी होता है जब हम इसकी सही मात्रा लेते है और इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से करते है|
परंतु यदि हम ऐसा नहीं करते है तो chirchita ke nuksan भी हमारे सामने आते है जैसे –
• इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर उल्टियाँ होने लगती है|
• स्तनपान करने वाली महिलाएं अगर इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना करती है तो उनके लिए ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है|
• गर्भवती महिलाओं को तो इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए|
अपामार्ग की लकड़ी से पूजा पाठ –
हर किसी को अपने घर में अपामार्ग की लकड़ी का धुंआ या अवश्य जलना चाहिए। यह नकारात्मक ऊर्जा को भगाने में बहुत जोड़दार होती है। जिनके भी परिवार में अगर नकारात्मक ऊर्जा से सम्बंधित समस्या है तो इस लकड़ी से अवश्य हवन अवश्य करे। नकारात्मक ऊर्जा इससे प्रताड़ित होकर जगह छोड़ने पर बाधित हो जाती है।
सोर्स – सत्य_तंत्र_घटना
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