वैसे तो ज्यादातर धर्मो में शादी धार्मिक रीती रिवाज़ से होती है। सभी के धार्मिक रीती रिवाज़ बेशक अलग-अलग होते होंगे, लेकिन कही न कही सबका उदेश्य एक ही होता है कि वे अपने गॉड, ईश्वर या गुरु के सामने शपथ लेकर एक दूसरे को स्वीकार करते है। ऐसा करना धर्म माना जाता है और यह धार्मिक और सामाजिक रूप से नैतिक व्यवहार है।
लेकिन लिव इन रिलेशनशिप धार्मिक रूप से पूर्णतः अनैतिक है, क्युकी ऐसे व्यक्ति ईश्वर से नहीं डरते, यह पशुओं जैसा व्यव्हार है। यह चलन उन लोगो में देखा जाता है जो नास्तिक है अर्थात ईश्वर को नहीं मानते है, या अनैतिक रूप से काम वासना को पूरा करना चाहते है। लिव इन रिलेशनशिप रहने वाले ज्यादातर लोगो का अंत बहुत बुरा होता है। क्युकी आज कल जो खबरे सुनने को मिल रही वो भी अनैतिक व्यभिचार के भयानक परिणामों को साफ साफ़ दिखा रही है।
देखने में आ रहा है कि ऐसे लोग समाज में रहते हुए भी धार्मिक रूप से असामाजिक प्रतीत होते है। ऐसे लोगो से सामाजिक लोग दूरी बनाकर रखते है। इस्कॉन के श्री अमोघ लीला प्रभु जी ने इसे कुत्ते कुतिया वाला आचरण बताया है, जो इसका सटीक उदाहरण है।
क्या लिव इन रिलेशनशिप में रहना अपराध है?
LiveLaw वेबसाइट के अनुसार उच्चतम न्यायालय ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि –
- लिव इन चोरी छुपे नहीं होना चाहिए बल्कि जनता में इस बात की जानकारी होना चाहिए कि यह दो लोग आपस में बगैर विवाह के लिव-इन में रह रहे हैं। अर्थात मकान किराये पर लेने से पहले मकान मालिक या सोसाइटी को बताना आवश्यक हो सकता है, ये भी हो सकता है कि दरवाजे पर नाम प्लेट पर दोनों के नाम और रिलेशनशिप लिखा होना चाहिए।
- लिव इन में रहने पर यह बनेगा तलाक का आधार, आपका शादीशुदा पार्टनर आपसे तुरंत तलाक़ ले सकता है।
- लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली लड़कियां यौन शोषण या बलात्कार जैसे आरोप नहीं लगा सकती।
- लिव इन रिलेशनशिप रहने वाले कपल्सआपस में शपथपत्र (Live in Relationship Certificate with Mutual Understaing) बनवा सकते है कि आपसी सहमति से एक दूसरे के साथ बिना शादी के रहते है और आपस में यौन संबंध है। यह आपातकाल में अधिकार मांगने में कुछ सहायता कर सकता है।
- कपल की उम्र 18+ होनी चाहिए। क्युकी Live-in Relationship भारत में अवैध नहीं है, लेकिन वैध भी नहीं है।
- लिव इन रिलेशनशिप से उत्पन्न संतान माता पिता की सम्पति में अधिकार रखेगी
- लिव इन रिलेशनशिप में छोड़ी गयी औरत अपने पार्टनर से गुजरा भत्ता मांगने की अधिकारी होगी।
Source/Courtesy – hindi.livelaw.in and leadindia.law
आपको जानकार आश्चर्य होगा कि कुछ न्यूज़ पोर्टल तो यहाँ तक कह रहे है कि लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर भारतीय समाज का नजरिया ज्यादा सकारात्मक नहीं रहा है. शायद वो नकारात्मक पहलु पर भारतीय समाज का सकारात्मक नजरिया चाहते है।
आपको बता दे कि हिन्दुओ में विवाह सबसे पवित्र संस्कार (Vivah Sanskar) माना जाता है इसलिए सनातन धर्म में तलाक़ या डाइवोर्स का कोई नाम ही नहीं है। लिव इन रिलेशनशिप धार्मिक रूप से पूर्णतः अनैतिक है।
अपने सनातन भाई एवं बहनों से प्रार्थना –
अगर समाज में आपको ऐसे कोई उदाहरण मिलते भी है तो उनके नाम अवश्य हिन्दुओं जैसे होते है, लेकिन वे मानसिक रूप से अपने धर्म को त्याग चुके होते है या कन्वर्ट हुए लोग होते है। ऐसे ज्यादातर लोगो का जीवन गृह क्लेश, दंड (जेल), चिंता (Tension), बीमारी, या नशा के साथ ही अंत होता है, और वे अपने आचरण अगली पीढ़ी को एक बीमारी की तरह Transfer कर देते है, फिर उनके साथ भी यही होता है और अंत में वह पीढ़ी नष्ट हो जाती है।
इसलिए पराये धर्म की गुलामी में जीने से अच्छा, अपने धर्म में मरना श्रेष्ठ है।
क्युकी प्यार के लिए दुनियां को छोड़ देना, कहना सरल है, लेकिन जब प्यार ही आपको छोड़ दे, या धोखा दे दे, तो आपके लिए न तो दुनियां रही और न प्यार, इसलिए लिव इन रिलेशनशिप के सकारात्मक तथा नकारात्मक पहलुओं की विवेचना कीजिए
क्युकी हाल ही में देखने में आया कि ऐसी स्त्रियाँ या तो सूटकेस में मिलती है, या टुकड़े टुकड़े होकर फ्रिज के अंदर होती है या टुकड़े करके, उन्हें उबालकर कुत्तो को खिलाया जाता है। – News Source
प्यार नहीं, प्रेम करिये। क्योंकि प्रेम करने से भगवान भी मिल जाते है, क्योंकि प्रेम निस्वार्थ होता है, जबकि प्यार, स्वार्थ में पसा पसा रहता है
FAQs –
क्या शादीशुदा पुरुष लिव इन रिलेशनशिप में रह सकता है?
नहीं, leadindia.law वेबसाइट के अनुसार तलाक लेना आवश्यक है। लिव इन रिलेशनशिप पर सर्वोच्च न्यायालय / हाई कोर्ट के निर्णय के अनुसार – यह सामजिक और नैतिक तौर पर गलत है। साथ ही, कानूनी तौर पर वैध नहीं है। (So there is no live-in relationship rules in India)
भारत में लिव इन रिलेशनशिप के लिए कानून क्या है?
लिव इन रिलेशनशिप के लिए कोई कानून नहीं है और न ही ईश्वर की जिम्मेदारी है।
क्या लिव इन पार्टनर संपत्ति का दावा कर सकता है?
कानून की नजर में यह न तो वैध है और न ही अवैध है । एक महिला अपने पुरुष पार्टनर की संपत्ति की उचित मालिक होगी जैसा कि अनुच्छेद 300 ए के तहत प्रदान किया गया है।
क्या एक शादीशुदा आदमी लिव इन रिलेशनशिप में दूसरी औरत के साथ रह सकता है?
धार्मिक दृष्टि में इससे बड़ा पाप कोई नहीं है और यह स्त्री और पुरुष दोनों पर समान लागु होता है। सामाजिक रूप से भी अनैतिक है लेकिन क़ानून की नज़र में यह अपराध नहीं है। लेकिन यह तलाक का सबसे बड़ा आधार बन सकता है। अर्थात शादीशुदा आदमी से तलाक़ उसकी पत्नी तुरंत ले सकती है। हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 के अंतर्गत उसे तलाक मिल सकता है।
शादीशुदा लोग लाइव इन रिलेशन में कैसे रह सकते हैं?
अगर आप किसी भी धर्म को मानते है तब यह नैतिक्ता और कानून दोनों प्रकार से गलत है, लेकिन अगर आप नास्तिक है तब आप कुछ भी कर सकते है, फिर दुनियां आपके लिए जंगल की तरह खुली है, फिर कानून या ईश्वर आपको सजा या मज़ा देंगे, उसकी चिंता होगी ही नहीं।
सलाह – अगर आपको नैतिकता बेड़ी या हथकड़ी लगती है अर्थात अधर्मी स्वाभाव है तो सिर्फ आपके लिए दुनियां एक खुला जंगल है, कही भी विचरिये, लेकिन ध्यान रखे, कुछ आपके जैसी ही अधर्मी आँखे छुपकर, आपको ललचाई नज़रों देख रही होती है।
Disclaimer – यह जानकारी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध जानकारियों के माध्यम से जुटाई गई है, इसका कोई भी क़ानूनी आधार नहीं है, और न ही किसी वकील का परामर्श है। मानवीय समझ के अनुसार कुछ तथ्य गलत भी हो सकते है। उचित परामर्श लेकर ही कोई भी नैतिक या अनैतिक कार्य करे। यह लेखक के स्वयं के विचार या ब्लॉग पोस्ट मात्र है।
By PradeepTomar
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