आपने फ्री एजुकेशन या फ्री शिक्षा के बारे में बड़ी बड़ी बातें सुनते होंगे की लेकिन –

जहाँ तक मैं जानता हूँ भारत जब से आज़ाद हुआ है तब से लोगो को फ्री शिक्षा और फ्री स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही है। आज बात करूंगा फ्री एजुकेशन या फ्री शिक्षा मॉडल के बारे में –

क्या फ्री एजुकेशन या फ्री शिक्षा वास्तव में दिया गया है? या झूठा प्रचार मात्र है।

जैसा की आप जानते है सरकारी स्कूलों में फीस के नाम पर मामूली फीस ली जाती है जिससे छात्र उपस्थिति का सही सही पता लगाया जा सके।

उदाहरण के लिए मैं (लेखक) उप्र के सरकारी स्कूल में ही पढ़ा हूँ जहाँ प्राइमरी स्कूल में एक रुपये 25 पैसे की फीस देकर पढ़ा हूँ और माध्यमिक पढाई 11 रुपये प्रति महीने के हिसाब से फीस देकर पूरी की। क्या ये फ्री शिक्षा नहीं है?

जो नेता आपको फ्री शिक्षा या फ्री एजुकेशन देने की बात कर रहे है उसने अपने कार्यकाल या राज्य में –

  • क्या उस नेता या उसकी पार्टी ने सभी प्राइवेट स्कूल फ्री किये है?
  • या उस नेता या उसकी पार्टी ने सभी किताबे प्राइवेट दुकान से फ्री की है?
  • क्या उस नेता या उसकी पार्टी ने प्राइवेट टूशन फ्री किये है?
  • क्या उस नेता या उसकी पार्टी ने प्राइवेट कॉलेज फ्री किये है?
  • या उस नेता या उसकी पार्टी ने प्राइवेट कॉलेज की लाइब्रेरी फ्री की है?
  • जिनको आरक्षण प्राप्त है उनको सहूलियत तो पहले से ही थी फिर नया फ्री क्या है?
  • अगर स्कूल में बेसिक सुविधाओं की बात करे कि पहले नहीं थी अब दे रहे है वो ठीक नहीं बहुत अच्छा है और होना भी चाहिए, लेकिन क्या उसे तब भी ठीक कहा जा सकता है जब उन सुविधाओं को क़र्ज़ लेकर पूरा किया जा रहा है जिसकी भरपाई वो बच्चे बड़े होकर महगाई के रूप में चुकायेगे? क्या ये सही है?

तो ध्यान रखे अगर कोई फ्री एजुकेशन या फ्री शिक्षा के नाम पर वोट मांगता है तो अब आप आसानी से समझ सकते है कि आपको मुर्ख बनाया जा रहा है।अगर कोई फ्री स्वास्थ्य व्यवस्था और फ्री शिक्षा जो कि भारत में पहले से फ्री है उसे रेवड़ी कल्चर का नाम दे रहा है तो वो गलत है। या तो कहने वाले ने गलत बोला या सुनने वाले ने उसे नया रूप दे दिया।

तो फिर रेवड़ी कल्चर क्या है?

आज कल वोट फॉर रेवड़ी एक फैशन बन गया है. कोई भी नेता फ्री का एक भी वस्तु अपनी सैलरी या अपने खुद के फायदे में से नहीं देता है। अगर वो राज्य या देश के लिए क़र्ज़ ले रहा है केवल राज करने के लिए या गद्दी पर बैठने के लिए तो वह रेवड़ी कल्चर के द्वारा जनता को मुर्ख बनाकर रेवड़ी को रिश्वत के रूप में दे रहा है। तो वो आपके भविष्य को खतरे में डाल रहा है सिर्फ अपने राजनितिक फायदे के लिए। इनसे जनता को सावधान रहना चाहिए।

यहाँ रेवड़ी उसे समझा जाता है जिसे सरकार क़र्ज़ लेकर लोगो को फ्री में किसी वस्तु को सिर्फ इसलिए बांटती है ताकि उसे वोट मिले। इसका आर्थिक रूप से गरीबी से कोई लेना देना नहीं होता।

अर्थात इसे सरकारी सहायता कहना, उचित नहीं कह सकते।

बाकि आप रेवड़ी कल्चर को कैसे देखते है ये आपके संस्कार पर निर्भर करता है। आपको ये जानकारी या विचार कैसा लगा जरूर बताये कमेंट के माध्यम से।

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